पितृ विसर्जन पर पूर्वजों को याद करके लोगों ने किया श्राद्ध तर्पण
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जौनपुर। पूर्वजों को याद करने का दिन पितृ विसर्जन पर शुक्रवार को लोग श्राद्ध तर्पण किये जिसके चलते गोमती, सई सहित अन्य जलाशयों के किनारे सुबह से ही पूर्वजों को तर्पण करने वालों की भीड़ उमड़ी रही। मान्यता है कि प्रत्येक अमावस्या पितरों की पुण्यतिथि होती है, मगर आश्विन मास की अमावस्या पितरों के लिये परम फलदायी मानी गयी है। इस अमावस्या को सर्व पितृ विसर्जनी अमावस्या अथवा महालया के नाम से भी जाना जाता है। पिछले 13 दिन तक अपने पूर्वजों को जल देने वाले लोग शुक्रवार को दोनिया का अर्पण किया गया। इसके पहले दाढ़ी-बल बनवाकर लोग सुबह स्नान आदि किये तथा इसके पश्चात् दाल, चावल, पूड़ी, सब्जी, बरा आदि पकवान बनाकर पूर्वजों को चढ़ाकर उन्हें याद किये। गोमती नदी सहित तालाब, पोखरे आदि के किनारे पूर्वज के नाम पर पूजा किया गया। तत्पश्चात् गाय, कौवा, कुत्ता को भोजन कराया गया। देखा गया कि गोपी घाट, विसर्जन घाट, केरारवीर घाट, हनुमान घाट, पांचो शिवाला घाट, सूरज घाट सहित अन्य घाटों पर श्राद्धकर्ता पूर्वाभिमुख खड़े होकर हाथ में तिल, त्रिकुश, जल लेकर संकल्प कर पंचबलि दानपूर्ण ब्राह्मण को भोजन कराये।