जीवित्पुत्रिका पर्व पर किया पूजन
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जौनपुर। पुत्र की लम्बी आयु व उत्तम स्वास्थ्य के लिए जीवित्पुत्रिका का पर्व शुक्रवार को आस्था व विश्वास के साथ मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर शहर के विभिन्न स्थानों व मन्दिारों पर सामूहिक पूजन किया। आश्विन मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ने वाले इस व्रत में भगवान सूर्य की आराधना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि यदि पुत्र अल्पायु हो या मरणदोष हो तो इस व्रत के प्रभाव से जीवित रहने लगते हैं तथा उन्हें दीर्घायु मिलती है। व्रत को लेकर मान्यता है कि भगवान कृष्ण के सूक्ष्म रूप के उदर में प्रविष्ट होकर उत्तरा के गर्भ में पल रहे शिशु की रक्षा करने की कथा प्रचलित है। इसी कारण से श्रद्धालु महिलाएं प्रातरूकाल उरद के साबूत दाने निगलती है। सायंकाल पूजा-अर्चना की जाती है। दूसरे दिन व्रत का पारण किया जाता है तथा ब्राह्मण को भोजन कराकर दक्षिणा देने के पश्चात पुत्र के गले में लाल रक्षासूत्र पहनाने की परंपरा है। इस अवसर पर बाजारों में जिऊतिया खरीदने के लिए स्वर्णाभूषण की दुकानों पर महिलाओं की भारी भीड़ रही। दोपहर बाद जाम लगना शुरू हो गया। उधर धागे में गूहने के लिए जहां अस्थाई दुकानें लगी रहीं वहीं गांवों में घर-घर गुहाई होती रही। इसके अलावा लोगों ने जिऊतिया माई को चढ़ाने के लिए कपड़े की खूब खरीदारी किया।