समान शिक्षा व्यवस्था के लिए चलाया हस्ताक्षर अभियान
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जौनपुर। प्रदेश एक समान शिक्षा व्यवस्था लागू करने के लिए नगर के शाही किले के पास रविवार को डीडीएस वेलफेयर सोसायटी, शिक्षा अधिकार अभियान, आरटीईफोरम, रश्मि महिला शिक्षण प्रशिक्षण सोसायटी, मां मूर्ति ऑफ प्लान्टेंशन आदि समाजसेवी संगठनों द्वारा संयुक्त रुप से 'हस्ताक्षर अभियान" का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में युवाओं एवं आम नागरिकों ने भाग लिया। इस मौके पर बतौर मुख्य वक्ता जयप्रकाश सिंह कामरेड ने कहा कि समाजसेवी संगठनों द्वारा दोहरी शिक्षा नीति को समाप्त कर एक समान शिक्षा नीति के लिए जो लड़ाई लड़ी जा रही है वह काबिले तारीफ है। यह मुद्दा हमारा आपका मुद्दा नहीं है यह मुद्दा अमीरी-गरीबी के बीच जो इतनी बड़ी खार्इं है उसको पाटने के लिए किया जा रहा है। आज अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब और गरीब।
उन्होंने अपने बचपन की एक कहानी को साझा करते हुए कहा कि जब मैं बचपन में प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता था तो उस दौरान भी निजी विद्यालय थे लेकिन तब प्राइमरी विद्यालयों में अच्छी पढ़ाई होती थी हां इतना जरुर है वहां निजी विद्यालय जैसी व्यवस्थाएं नहीं थी। एक दिन मैं कुछ बच्चों को निजी विद्यालय में जाते हुए देखा तो अपनी मां से पूछ बैठा कि मां ये बच्चे कहां जा रहे है तो उनका जवाब था स्कूल। फिर मैंने पूछा कि स्कूल तो मैं भी जाता हूं लेकिन मेरे उनके जैसे कपड़े तो नहीं है। शायद इसका जवाब मेरी मां के पास भी नहीं था। तभी से मैंने यह ठान लिया कि गरीबी और अमीरी के बीच जो इतनी बड़ी खार्इं है उसमें मुख्य रुप से इस तरह की व्यवस्था जिम्मेदार है। आज अगर कृष्ण-सुदामा एक साथ पढ़ते तो हमारा देश विकासशील नहीं बल्कि विकसित देश होता। समाजसेवी रमेश यादव ने कहा कि सरकार की व्यवस्थाओं से आप अंदाजा लगा सकते है कि सरकारें व्यवस्था सभी के लिए तो करती हैं लेकिन वहां कोई खास आदमी या सरकारी आदमी जाना पसंद नहीं करता चाहे वह सरकारी अस्पताल हो या सरकारी विद्यालय। डीडीएस की संचालिका आरती सिंह ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। हस्ताक्षर किये हुए बैनर तो समाजसेवी संगठनों द्वारा जिलाधिकारी को सौंपा जाएगा। इस मौके पर फराज, पूनम, दिव्या, सुरेंद्र, करिश्मा, हरिश्चंद्र, दानिश, खुश्बू, प्रतिमा, संदीप, सुष्मा, सुष्मा रानी, दिलीप, नीलम, अनीश सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।