यूपी में भाजपा को सरकार बनानी है तो क्षेत्रिय नेताओ को देना होगा तवज्जो: स्वामी चिन्मयानंद
https://www.shirazehind.com/2016/09/blog-post_613.html
जौनपुर। राम जन्म भूमि आंदोलन के अगुआ भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय गृह राज्य
मंत्री स्वामी चिन्मयनन्द ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा नेतृत्व को
क्षेत्रीय छत्रपों के नेतृत्व में UP विधान सभा चुनाव लड़ने की सलाह दी
।वहीँ राहुल गांधी के खाट सभा का भी खिल्ली उड़ाई। उन्होंने कहा जिसका अंतिम समय आता है उसे खाट की जरूरत होती है।
उत्तर प्रदेश सरकार पर व्यंग्य करते हुए उन्होंने कहा कि CBI के दबाव के चलते अखिलेश यादव ने 2 मंत्रियों को बर्खास्त किया है ।
बिहार के माफिया शहाबुद्दीन के मामले में उन्होंने कहा कि सुशासन बाबू नितीश कुमार के 15 मंत्रियों 50 से अधिक विधायकों ने जिस तरह से 1500 गाड़ियों के काफिले के साथ शहाबुद्दीन का स्वागत किया है उससे नितीश के सुशासन की पोल खुल गयी है । स्वामी ने साफ कहा कि नीतिश ने लालू से मिलकर सरकार तो बना लिया लेकिन संस्कार नही बचा पाये।
कांग्रेस और गठबंधन पर स्वामी ने कहा कि मोबाइल और खटिया का गठबंधन कोई आश्चर्य नही है । यह चुनाव के पहले या बाद में हो सकता है । भाजपा के केंद्रीय नेताओं को यह बात स्पष्ट रूप से समझना चाहिए कि जहां BJP की लड़ाई कांग्रेस से है वहां तो ठीक है लेकिन जिन प्रांतों में BJP की लड़ाई क्षेत्रीय दलों से है वहां पार्टी को क्षेत्रीय छत्रपों के नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहिए । UP में सपा और बसपा को उन्हीं के भाषा में जवाब देना पड़ेगा ।
उत्तर प्रदेश सरकार पर व्यंग्य करते हुए उन्होंने कहा कि CBI के दबाव के चलते अखिलेश यादव ने 2 मंत्रियों को बर्खास्त किया है ।
बिहार के माफिया शहाबुद्दीन के मामले में उन्होंने कहा कि सुशासन बाबू नितीश कुमार के 15 मंत्रियों 50 से अधिक विधायकों ने जिस तरह से 1500 गाड़ियों के काफिले के साथ शहाबुद्दीन का स्वागत किया है उससे नितीश के सुशासन की पोल खुल गयी है । स्वामी ने साफ कहा कि नीतिश ने लालू से मिलकर सरकार तो बना लिया लेकिन संस्कार नही बचा पाये।
कांग्रेस और गठबंधन पर स्वामी ने कहा कि मोबाइल और खटिया का गठबंधन कोई आश्चर्य नही है । यह चुनाव के पहले या बाद में हो सकता है । भाजपा के केंद्रीय नेताओं को यह बात स्पष्ट रूप से समझना चाहिए कि जहां BJP की लड़ाई कांग्रेस से है वहां तो ठीक है लेकिन जिन प्रांतों में BJP की लड़ाई क्षेत्रीय दलों से है वहां पार्टी को क्षेत्रीय छत्रपों के नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहिए । UP में सपा और बसपा को उन्हीं के भाषा में जवाब देना पड़ेगा ।