पितृपक्ष के चलते बाजारो में पसरा सन्नाटा
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गौराबादशाहपुर(जौनपुर) इस समय चल रहे पितृपक्ष में जहाँ एक तरफ लोग अपने पूर्वजो
की स्मृतियो में खोये हुये है वही पितृपक्ष का असर बाजार पर भी देखने को
मिल रहा है।
गौराबादशाहपुर
बाजार आसपास के गाँवो का प्रमुख बाजार है। यहाँ हर रोज इन गाँवो से सैकड़ो
लोग इस बाजार में अपनी जरूरतो का सामान लेने के लिये आते रहते है वही
मंगलवार व शनिवार को इनकी संख्या हजारो में हो जाती है। गौराबादशाहपुर के
छोटे-बड़े सैकड़ो व्यवसाई इन्ही ग्रामवासियो पर निर्भर है। परन्तु पितृपक्ष
में आमधारणा यह है कि कोई भी नई वस्तु नही खरीदी जाती है तथा न ही कोई शुभ
कार्य शुरू किया जाता है जिसकी वजह से इस समय गौराबादशाहपुर में आमतौर पर
सन्नाटा देखने को मिल रहा है। जहाँ आम दिनो में सुबह शाम बाजार में काफी
भीड़-भाड़ रहती थी वही इस समय गिने चुने लोग ही बेहद आवश्यकता वाली चीजो को
खरदने के लिये बाजारो का रूख कर रहे है। इस सन्दर्भ में जागरण प्रतिनिधि ने
गौराबादशाहपुर के कुछ व्यवसाईयो से बात की तो किराना व्यवसाई ओम प्रकाश
साहू नें कहा कि आम दिनो में तो अच्छा कारोबार हो जाता है पर इस समय आम
दिनो के मुकाबले सेल 25 प्रतिशत तक कम हो गई है लोग सिर्फ दैनिक जरूरत की
ही चीजे खरीद रहे है। इनवर्टर व्यवसाई सभापति गौड़ का कहना है कि जब से
पितृपक्ष शुरू हुआ है एक भी इनवर्टर नही बिक पाया है सिर्फ बैट्री चार्जिग
करके की गुजारा हो रहा है। कपड़ा व्यवसाई अनीस अहमद ने बताया कि एक दिन में
जहाँ हम लोग 90 से 100 पीस तक रेडीमेड कपड़े बेच देते थे वही अब यह संख्या
घटकर 4 से 5 तक आ गयी है। रजाई-गद्दा व्यवसाई जमील अहमद का कहना था कि हर
वर्ष इस पखवारे में हम लोगो का व्यवसाय बहुत ही कमजोर हो जाता है जिसकी वजह
से आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो जाती है। वही ज्वैलरी व्यवसाई विनोद सेठ व
निखिल सेठ ने भी कहा कि पितृपक्ष के चलते स्वर्णाभूषणो के माँग बहुत तेजी
से घट जाती है जो कि अब नवरात्र शुरू होने पर ही पुनः तेजी पकड़ेगी। कुल
मिलाकर स्थिति यह है कि पितृपक्ष के चलते आमतौर पर हमेशा गुलजार रहने वाले
गौराबादशाहपुर में आजकल सन्नाटा व व्यवसाईयो में मायूसी देखने को मिल रही
है।