शाहगंज आईटीआई फिर आया चर्चाओ में, मात्र पांच दिन का समय दिया इच्छुक टीचरो को
https://www.shirazehind.com/2016/09/blog-post_574.html
जौनपुर। शाहगंज राजकीय आई टी आई कालेज का कारनामा रूकने का नाम ही नही ले रहा है। इस बार तबादला हो चुके यहां के प्राचार्य ने पांच सितम्बर को अमर उजाला अखबार में शिक्षको की संविदा पर नियुक्ति का विज्ञापन छपवाया है। आवेदन की अंतिम तिथि दिया है आठ सितम्बर। मात्र पांच दिन का समय देना चर्चाओ का विषय बन गया। इस मामले पर प्राचार्य से बात किया गया तो उन्होने पहले अखबार द्वारा देर से विज्ञापन प्रकाशित करने की बात कही उसके बाद उन्होने कहा कि आजकल आन लाईन का जमाना है एक दिन के भीतर भी सारी प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। उधर वाराणसी के जेडी जावेद उस्मानी ने कहा विज्ञापन प्रकाशित होने से कि कम से कम एक हफ्ते का समय देना चाहिए।
राजकीय आईटीआई शाहगंज के प्राचार्य एसबी सिंह का तबादला अप्रैल माह में आईटीआई कालेज बासगांव गोरखपुर के लिए हुआ था। उसके बाद उन्हे वहां से हटाकर ज्ञानपुर भदोही भेज दिया गया। लेकिन आज शाहगंज में किसी प्रिंसपल की नियुक्ति न होने के कारण एसबी सिंह शाहगंज भी जमे हुए है।
स्कूल के सूत्रो ने शिराज ए हिन्द डाॅट काम को सूचना दिया है कि ये साहब 12 जनवरी 2011 से लेकर मार्च 2015 तक दो करोड़ रूपये के मशीनरी उपकरण और हैण्ड टूल खरीदा है। लेकिन आज उसकी पैकिंग तक नही खोली गयी। जिसके कारण सभी उपकरण जंग खाकर नष्ट हो रहे है। बीते मार्च माह में छात्रो को पैक्टिकल करते समय पहनने के लिए गंगरी खरीदी गयी वह भी छात्रो नही दिया गया।
अब विभिन्न टेªडो के लिए आधा दर्जन शिक्षको की नियुक्ति प्राचार्य महोदय ने निकाल दिया है। वह इतना कम समय दिया गया है कि अभ्यार्थी शायद ही इसमें अप्लाई कर सके। सूत्रो की माने तो प्रिंसपल ने अपने चहेते टीचरो भर्ती कर लिया है यह केवल एक खानापूर्ति है।
राजकीय आईटीआई शाहगंज के प्राचार्य एसबी सिंह का तबादला अप्रैल माह में आईटीआई कालेज बासगांव गोरखपुर के लिए हुआ था। उसके बाद उन्हे वहां से हटाकर ज्ञानपुर भदोही भेज दिया गया। लेकिन आज शाहगंज में किसी प्रिंसपल की नियुक्ति न होने के कारण एसबी सिंह शाहगंज भी जमे हुए है।
स्कूल के सूत्रो ने शिराज ए हिन्द डाॅट काम को सूचना दिया है कि ये साहब 12 जनवरी 2011 से लेकर मार्च 2015 तक दो करोड़ रूपये के मशीनरी उपकरण और हैण्ड टूल खरीदा है। लेकिन आज उसकी पैकिंग तक नही खोली गयी। जिसके कारण सभी उपकरण जंग खाकर नष्ट हो रहे है। बीते मार्च माह में छात्रो को पैक्टिकल करते समय पहनने के लिए गंगरी खरीदी गयी वह भी छात्रो नही दिया गया।
अब विभिन्न टेªडो के लिए आधा दर्जन शिक्षको की नियुक्ति प्राचार्य महोदय ने निकाल दिया है। वह इतना कम समय दिया गया है कि अभ्यार्थी शायद ही इसमें अप्लाई कर सके। सूत्रो की माने तो प्रिंसपल ने अपने चहेते टीचरो भर्ती कर लिया है यह केवल एक खानापूर्ति है।