झोलाछाप डाक्टर को सात वर्ष की सजा
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जौनपुर। गर्भवती महिला के प्रसव के दरम्यान झोला छाप डाक्टर की लापरवाही के कारण नवजात शिशु की हुई मौत के मामले में आज अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बुधिराम यादव की अदालत ने दोषि पाते हुए डाक्टर को सात वर्ष की सजा और पांच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। यहा वारदात चार वर्ष पूर्व हुआ था।
जौनपुर जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र के सेमरहो गांव के निवासी रामकिशुन विश्वकर्मा की पत्नी चन्दा 14 मार्च 2012 को प्रसवपीड़ा से ग्रसित हुई। उसके पति ने मीरगंज बाजार में स्थित एक झोलाछाप डाक्टर मुन्ना यादव के पास ले गये। बच्चा पेट में इस कदर फस गया था डिलेवरी नही हो रहा पा रही थी। डाक्टर ने देशी जुगाड लगाते हुए लोहार की सडसी से बच्चे को खिचकर निकालने का प्रयास किया जिसके कारण उसकी मौत हो गयी। प्रति रामकिशुन ने मीरगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराया था। चार वर्ष तक चले मुकदमें में गवाह वे अन्य साक्ष्यो के आधार पर आज आज अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बुधिराम यादव की अदालत ने दोषि पाते हुए डाक्टर को सात वर्ष की सजा और पांच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
जौनपुर जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र के सेमरहो गांव के निवासी रामकिशुन विश्वकर्मा की पत्नी चन्दा 14 मार्च 2012 को प्रसवपीड़ा से ग्रसित हुई। उसके पति ने मीरगंज बाजार में स्थित एक झोलाछाप डाक्टर मुन्ना यादव के पास ले गये। बच्चा पेट में इस कदर फस गया था डिलेवरी नही हो रहा पा रही थी। डाक्टर ने देशी जुगाड लगाते हुए लोहार की सडसी से बच्चे को खिचकर निकालने का प्रयास किया जिसके कारण उसकी मौत हो गयी। प्रति रामकिशुन ने मीरगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराया था। चार वर्ष तक चले मुकदमें में गवाह वे अन्य साक्ष्यो के आधार पर आज आज अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बुधिराम यादव की अदालत ने दोषि पाते हुए डाक्टर को सात वर्ष की सजा और पांच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।