शिक्षाविद् डा. ब्रजेश यदुवंशी द्वारा लिखी पुस्तक का हुआ विमोचन
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‘माॅरिशस के हिन्दी सेवी प्रहलाद रामशरण’ पर लिखी गयी है पुस्तक
जौनपुर। अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद के तत्वावधान में डा. ब्रजेश कुमार यदुवंशी द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘माॅरिशस के हिन्दी सेवी प्रहलाद रामशरण’ का विमोचन प्रवासी भवन नई दिल्ली में माॅरिशस के राजदूत महामहिम जगदीश गोवर्धन व केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष डा. कमल किशोर गोयनका ने किया। बतौर मुख्य अतिथि महामहिम श्री गोवर्धन ने कहा कि डा. यदुवंशी ने यह पुस्तक सम्पादित करके भारत एवं माॅरिशस के बीच सम्बन्धों को और प्रगाढ़ बनाने का कार्य किया है। केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष डा. गोयनका ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि वैश्विक स्तर पर हिन्दी को सम्मान दिलाने के लिये माॅरिशस के साहित्यकारों ने अथक परिश्रम किया है। विश्व हिन्दी सचिवालय का मुख्यालय माॅरिशस में होना इसका बहुत बड़ा सबूत है। डा. यदुवंशी ने माॅरिशस के प्रख्यात साहित्यकार पर पुस्तक लिखकर ऐतिहासिक कार्य किया है। वरिष्ठ आलोचक रणजीत पांचाले ने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक कस्बाई शहर जौनपुर में रहकर डा. यदुवंशी ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पुस्तक सम्पादित कर हिन्दी साहित्य में अपना स्थान बना चुके हैं। इस पुस्तक में भारत, माॅरिशस, त्रिनिदाद, टोबैगो, फ्रांस, नीदरलैण्ड के लगभग 50 साहित्यकारों ने अपने-अपने लेख दिये हैं। कार्यक्रम के संयोजक व दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राजदूत वीरेन्द्र गुप्त ने आये हुये अतिथियों का स्वागत किया। पुस्तक के सम्पादक डा. ब्रजेश कुमार यदुवंशी ने सबका आभार प्रकट किया। संचालन अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद के मानद निदेशक नारायण कुमार ने किया। इस असर पर मुख्य रूप से प्रख्यात साहित्यकार प्रहलाद रामशरण, डा. बीएल गौड़, श्याम पराण्डे, संगीता शर्मा, अरविन्द गुप्ता, अनिल वर्मा, शिवशंकर सिंह, अनिल कुमार, सरोजनी प्रीतम, राकेश पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।
जौनपुर। अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद के तत्वावधान में डा. ब्रजेश कुमार यदुवंशी द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘माॅरिशस के हिन्दी सेवी प्रहलाद रामशरण’ का विमोचन प्रवासी भवन नई दिल्ली में माॅरिशस के राजदूत महामहिम जगदीश गोवर्धन व केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष डा. कमल किशोर गोयनका ने किया। बतौर मुख्य अतिथि महामहिम श्री गोवर्धन ने कहा कि डा. यदुवंशी ने यह पुस्तक सम्पादित करके भारत एवं माॅरिशस के बीच सम्बन्धों को और प्रगाढ़ बनाने का कार्य किया है। केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष डा. गोयनका ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि वैश्विक स्तर पर हिन्दी को सम्मान दिलाने के लिये माॅरिशस के साहित्यकारों ने अथक परिश्रम किया है। विश्व हिन्दी सचिवालय का मुख्यालय माॅरिशस में होना इसका बहुत बड़ा सबूत है। डा. यदुवंशी ने माॅरिशस के प्रख्यात साहित्यकार पर पुस्तक लिखकर ऐतिहासिक कार्य किया है। वरिष्ठ आलोचक रणजीत पांचाले ने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक कस्बाई शहर जौनपुर में रहकर डा. यदुवंशी ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पुस्तक सम्पादित कर हिन्दी साहित्य में अपना स्थान बना चुके हैं। इस पुस्तक में भारत, माॅरिशस, त्रिनिदाद, टोबैगो, फ्रांस, नीदरलैण्ड के लगभग 50 साहित्यकारों ने अपने-अपने लेख दिये हैं। कार्यक्रम के संयोजक व दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राजदूत वीरेन्द्र गुप्त ने आये हुये अतिथियों का स्वागत किया। पुस्तक के सम्पादक डा. ब्रजेश कुमार यदुवंशी ने सबका आभार प्रकट किया। संचालन अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद के मानद निदेशक नारायण कुमार ने किया। इस असर पर मुख्य रूप से प्रख्यात साहित्यकार प्रहलाद रामशरण, डा. बीएल गौड़, श्याम पराण्डे, संगीता शर्मा, अरविन्द गुप्ता, अनिल वर्मा, शिवशंकर सिंह, अनिल कुमार, सरोजनी प्रीतम, राकेश पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।