नियमों के खिलाफ काटे जा रहे चक
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जौनपुर। विकास खण्ड सिकरारा के रीठी गांव में चल रही चकबन्दी में भ्रष्टाचार तथा धांधली का आरोप लगाते हुए काश्तकारों ने इसकी प्रक्रिया को रोकने के लिए उप संचालक चकबन्दी को पत्रक सौपा है। उक्त गांव के काश्तकारों ने बताया है कि चकबन्दी में मानकों को धता बताया जा रहा है। गांव के कतिपय व दबंग माफिया धन के बल पर सांठ गांठ से मनमानी कराकर बिना स्थलीय निरीक्षण के चक कटा रहे है। चकबन्दी की बाहर की जमीनों को गलत तरीके से मालियत लगाकर दो किलोमीटर दूर फेका जा रहा है। किसी का चक दूसरे के घर बैठा दिया गया जो अन्याय है। किसी का मूल नम्बर बिना उसके संज्ञान व सहमति के दबंगों द्वारा मनमाफिक तरीके से चकबन्दी करा रहे है। 1962 की चकबन्दी में ग्राम सभा की काफी जमीने बची हुई थी इस चकबन्दी में चार प्रतिशत जमीने काट ली जा रही है। जिससे छोटी जोत के किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। ग्रामीणांे ने बताया कि चकबन्दी में जो भी आबादी, ग्राम सभा, खलिहान या सार्वजनिक जमीने निकाली जा रही है उसे जानबूझ कर प्रभावी लोगों द्वारा रूपया देकर अपने चकों के बीच बैठवा दिया गया है। चकबन्दी बिना स्थलीय निरीक्षण जौनपुर शहर में बैठकर मोटी धनराशि लेकर ग्राम प्रधान की मिली भगत से नियमों को ताक पर रखकर चक काटे जा रहे हैं।