तीसरे दिन भी धरने पर डटे रहे काश्तकार
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जौनपुर। जिला प्रशासन धरना प्रदर्शन को नजर अंदाज करती है और कई दिनों तक कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन का परिणाम सामने नहीं आ पाता। सदर तहसील के चकवा के काश्तकारों ने आरा गांव में अराजक तत्वों द्वारा पुल में पांच फिट की डिवाइडर तथा पक्की दीवाल खड़ी कर पानी रोक दिये जाने से खेतों के जलमग्न होने के विरोध में गुरूवार को तिलकधारी निषाद के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पर धरना दिया। धरने में बताया कि नाले का पानी दीवार बनाने से उनके खेतांे में पानी भरा हुआ है। पानी खोलने के कहने पर हौसला प्रसाद, भीम राय तथा नन्हकू आदि लोग गालियां देकर मारपीट पर उतारू हो जाते है। पहले नाला खुला था बाद में पक्की जोड़ाई कर पुल का मोहाना बन्द कर दिया गया। धान के खेत डूबे हुए है। गेहूं की बोआई कैसे होगी। उन्होने कहा कि आरा ताल में ही जंगीपुर खुर्द, परियावां, सतसड़ा, इटौरी, कन्धरापुर, भकुरा, अतरही, जमुहाई आदि कई गांवों का पानी ताल में गिरता है। 600 एकड़ जमीन पानी के कारण खराब हो रही है। बीस वर्षो से संघर्ष करने के बाद प्रशासन ने आरा ताल से नाला निकालकर पानी निकासी की व्यवस्था की लेकिन उक्त दबंग प्रशासन की मंशा पानी फेर रहे है। मौके गये थानाध्यक्ष गौराबादशाहपुर ने आदेश लाइये तभी दीवाल तोड़कर पानी खुलवाया जायेगा। ग्रामीणों ने मांग किया कि सक्षम अधिकारी से मोआइना कराकर धान की फसल बचाने के लिए नाले को खुलवाया जाय तथा अराजक तत्वों पर कार्यवाही की जाय।