नारदमोह के साथ राम लीला का मंचन शुरू
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जौनपुर। मुंगरा बादशाहपुर के गुड़हाई मुहल्ले की ऐतिहासिक श्रीराम लीला कमेटी के कलाकारो ने पहले दिन नारद मोह शानदार मंचन कर माहौल को भत्तिमय बना दिया । कैलाश पवर्त पर बिराजमान शिवजी ने माता पार्वती को बताया कि देवर्षि नारद ने श्रीहरि विष्णु को श्राप दिया था तो वो बड़ी चकित हुयी और बोली नारद जी तो विष्णु भक्त और अत्यन्त ज्ञानी है। फिर उन्होने श्राप किस कारण से दिया? शिव जी ने हँस कर कहा इस संसार मे न तो कोई ज्ञानी है और न ही कोई मूर्ख । श्रीरघुनाथ जी जब जिसको जैसा करते है वह उसी क्षण वैसा ही हो जाता हैद्य मै तुम्हे नारद जी की कथा सुनाता हूँ । हिमालय पर्वत पर एक पवित्र गुफा मे नारद जी श्रीहरि के भक्ति मे लीन हो गये। नारद जी के इस तपस्या से देवराज इन्द्र भयभीत हो गये । इन्द्र ने नारद की तपस्या को भंग करने के लिये कामदेव को भेजा । कामदेव नारद की तपस्या भंग नही कर पाये और नारद जी कामदेव पर विजय प्राप्त कर लेते हैं उन्हे इसका अहंकार हो जाता हैद्यवे शकंर जी के पास जाकर सारा प्रसंग सुनाते है शंकर जी ने कहा यह प्रसंग विष्णु जी से मत कहियेगा यह बात नारद को बुरी लगी नारद जी श्रीहरि के पास जा कर कामदेव पर विजय पाने ती बाात बताते है श्रीहरि समझ गये की नारद को अहंकार हो गया है । नारद के अहंकार को तोडने के लिये माया से शीलनिधी नगर बसाया । इसके पूर्व पूर्व प्रधानाचार्य बिनय कुमार गुप्त ने फीता काट कर राम लीला का बिधिवत उद्घाटन किया । इस अवसर पर अध्यक्ष पशुपति नाथ गुप्त ब्यवस्थापक शैलेन्द्र साहू निर्देशक लाल बहादुर सिंह महंत संगम लाल आकाश गुप्त सहित भारी संख्या मे श्रद्धालु दर्शक उपस्थित रहे ।