बादलों अब तो बरस जाओ सूखी जमीनो पर, किसी का मकान गिरवी है किसी की लगान बाकी है

गौराबादशाहपुर (जौनपुर) जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है, वो जो खेतों की मेड़ों पर उदास बैठे हैं उन्ही की आँखो में अब तक ईमान बाकी है। बादलो अब तो बरस जाओ सूखी जमीनों पर किसी का मकान गिरवी है किसी की लगान बाकी है। उक्त लाईनों को गौराबादशाहपुर में सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर काव्य गोष्ठी में किसानो के सन्दर्भ में जब युवा कवि कमला सिंह ने सुनाई तो कुछ देर के सन्नाटे के बाद तालियाें की गूंज से परिसर गूंज उठा। कार्यक्रम में आस पास के क्षेत्रो से आये कवियाे दिलीप कुमार अकेला, रेनू भारती, पंकज सिंह सहित लगभग एक दर्जन कवियों ने अपनी कविताओं के जरिये जहां एक तरफ हिन्दी भाषा की दशा का चित्रण किया वही दूसरी तरफ आज की ज्वलंत समस्यायो को भी श्रोताओं के सामने रखा।  जिसे सुनकर लगातार तालियां बजती रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य कमलेश जी ने की तथा संचालन विष्णुदत्त त्रिपाठी ने किया। विशिष्ट अतिथि पूर्व प्रवक्ता कैलाशनाथ सिंह ने हिन्दी को समृद्ध भाषा बताते हुये इसमें निरंतर शोध करने की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम में विनय मिश्र, हरिशंकर बाबा, प्रकाश साहू, विशाल साहू, नवीन सिंह, महेन्द्र मिश्र, सहित क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। अन्त में कार्यक्रम के आयोजक कमलेश जी ने आभार व्यक्त किया। 
एक अन्य कार्यकम में कस्बे के एस टेक शिक्षण संस्थान में हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में हिन्दी निबंन्ध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे प्रतिभागियो को हिन्दी भाषा में विभिन्न विषयों पर निबंध लिखनें की प्रतियोगिता कराई गई जिसमें ऋचा को प्रथम स्थान, अंजू गौतम को द्वितीय तथा आदित्य को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। विजेताओ को संस्थान की प्राचार्या रीमा त्रिपाठी ने प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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