जौनपुर में धूमधाम से मनायी गयी भगवान विश्वकर्मा की जयंती
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जौनपुर। शिल्पदेव भगवान विश्वकर्मा की जयंती शनिवार को जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में परम्परागत ढंग से मनायी गयी। इस बाबत जहां घरों, फर्नीचर, लोहे की दुकानों, कारखानों पर पूजा की गयी, वहीं जगह-जगह पूजन पण्डप बनाकर उनकी प्रतिमा भी स्थापित करके विधि-विधान से पूजा शरू हुई। साथ ही रेलवे स्टेशनों, रोडवेज, दूरसंचार, बिजली विभाग में पूजा-पाठ हुई। जनपद के विश्वकर्मा मन्दिरों पर भक्तों का जमावड़ा रहा। साथ ही लोग अपने क्षेत्र में पूजा-पाठ किये। मान्यता है कि शिल्प देव भगवान विश्वकर्मा वास्तु कला के अद्वितीय आचार्य थे। आदिकाल से ही विश्वकर्मा शिल्पी अपने विशिष्ट ज्ञान एवं विज्ञान के कारण मात्र मनुष्य ही नहीं, बल्कि देवगणों द्वारा पूंजित और वंदित थे। इन्द्रपुरी, यमपुरी, वरूणपुरी, कुबेरपुरी, पाण्डवपुरी, सुदामापुरी के साथ कर्ण का कुण्डल, विष्णु का चक्र, शंकर का त्रिशूल व यमराज का काल दण्ड का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने किया था। देखा गया कि लोगांे ने भगवान विश्वकर्मा को केला, सेब, लड्डू, माला, फूल, रोरी, रक्षा, अक्षत आदि चढ़ाकर विधिवत् पूजन-अर्चन किया।
शाहगंज संवाददाता के अनुसार बसन्ती देवी ईटीआई पक्का पोखरा में विश्वकर्मा पूजा धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान प्रबन्धक डा. राजकुमार मिश्रा व निर्देशक दिवाकर मिश्रा, डा. सुधाकर मिश्रा सहित ईश नारायण मिश्रा, राकेश मौर्या, नरसिंह, विकास यादव, सुनील तिवारी, प्रेमचन्द्र मौर्या, श्याम कुमार, प्यारे लाल, दीपक सिंह सहित अन्य लोगों ने विधि-विधान से विश्वकर्मा भगवान की पूजा-अर्चना किया। इस अवसर पर तमाम छात्र भी मौजूद रहे।
शाहगंज संवाददाता के अनुसार बसन्ती देवी ईटीआई पक्का पोखरा में विश्वकर्मा पूजा धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान प्रबन्धक डा. राजकुमार मिश्रा व निर्देशक दिवाकर मिश्रा, डा. सुधाकर मिश्रा सहित ईश नारायण मिश्रा, राकेश मौर्या, नरसिंह, विकास यादव, सुनील तिवारी, प्रेमचन्द्र मौर्या, श्याम कुमार, प्यारे लाल, दीपक सिंह सहित अन्य लोगों ने विधि-विधान से विश्वकर्मा भगवान की पूजा-अर्चना किया। इस अवसर पर तमाम छात्र भी मौजूद रहे।