नाबालिग नवयुवकों को पाबंद करने से केराकत का माहौल बिगड़ा

 जौनपुर। केराकत के एक मदरसे में स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्र विरोधी नारे के विरोध में बीते 19 अगस्त को केराकत बंद के दौरान किये गये प्रदर्शन की आड़ में जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा तुगलकी शासन की भूमिका अदा की जा रही है। तभी तो एकपक्षीय कार्यवाही में बेगुनाह नाबालिग हिन्दू नवयुवकों को पाबंद करने की मनमानी कार्यवाही हो रही है और शासन-प्रशासन आंखें मूंदी हुई है जबकि तहसील प्रशासन ने सत्ता के दबाव में आरोपियों के प्रति अपनी वफादारी का परिचय खुलकर दिया। पुलिस द्वारा आंखें मूंद करके की गयी पाबंद की कार्यवाही में सबसे अधिक संख्या में सत्ता का वोटबैंक कहे जाने वाले यादव बिरादरी के युवकों को ही निशाना बनाया गया। पाबंद किये गये लोगों में अधिकांश की उम्र 15 वर्ष व आस-पास की है। पाबंद युवकों में सचिन 15 वर्ष, अनूप 15 वर्ष, आकाश उर्फ सिण्टू 15 वर्ष, गोलू उर्फ शशि 15 वर्ष, गोलू उर्फ दिलीप कुमार 14 वर्ष के अलावा अन्य नाबालिग कई युवक हैं। पुलिस की इस मनमानी का इससे बड़ा प्रमाण और क्या होगा कि जिन्हें चाहा, मनमाने तरीके से अपनी पीठ स्वयं के हाथों थपथपाने का कार्य करते हुये पाबंदी की कार्यवाही की गयी। ऊपर से प्रशासन की मनमानी का प्रत्यक्ष प्रमाण इससे बड़ा और क्या होगा कि जिन युवकों को पाबंद किया गया है, उन्हें अब 50-50 हजार रूपये के निजी मुचलके पर जमानत के लिये देने पड़ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस कार्य में पुलिस ने अपनी तानाशाही रवैये को अपनाते हुये साजिशन जिसे चाहा, पाबंद कर दिया गया। फिलहाल समय रहते शासन की मामले की गम्भीरता को देखते हुये यदि उन युवकों पर लादे गये मुकदमे वापस नहीं लिये गये तो भविष्य में इसके दूरगामी परिणाम का खामियाजा भुगतने पड़ेंगे।

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