पृथवीराज सेप्रेेरित होकर सेना में भर्ती हुए थे शहीद राजेश सिंह चौहान
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" चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण ता ऊपर सुल्तान है मत चुको चौहान " राजा पृथवी राज चौहान के लिए लिखी गयी इन पक्तियांे से प्रेेरित होकर जौनपुर जिले का राजेश सिंह चौहान सेना में आठ वर्ष पूर्व भर्ती हुआ था। राजेश इस दरम्यान कई बार्डरो पर तैनात होकर दुष्मनों के छक्के छुड़ाने का काम किया। भारत माता की रक्षा करते समय वह रविवार को शहीद हो गये। इस वीर सपूत की शहादत की खबर मिलते ही जहां पूरे जिले मंे मातम पसरा है वही लोगो के सीना फक्र से ऊंचा हो गया है। सभी लोग कह रहे है कि मेरे जनपद का लाल हिन्दुस्तान की रक्षा करते समय शहीद हुआ है। लोगो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग किया कि जौनपुर के बेटे ने जो कुर्बानी दी है वह बरबाद नही होना चाहिए उसका मुहतोड़ जवाब पाकिस्तान को देना ही होगा।
जौनपुर जिले के सरायखाजा थाना क्षेत्र के भकुरा गांव की बीचली पट्टी में करीब पचास से अधिक घर चौहान क्षत्रीय आबाद है। इस कुल का पहला युवक राजेश सिंह चौहान ने भारत माता की रक्षा के लिए सन् 2009 में सेना में शामिल हुआ था। भकुरा गांव के प्रधान व शहीद के पचपन के दोस्त ने बताया कि राजेश पढ़ाई लिखाई के समय से ही पृथवीराज चौहान को अनुयायी मानते थे और हम लोगो से कहते थे कि सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करना चाहता हूं। इसी उद्देश्य से वे पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ सेना में भर्ती होने की तैयारी किया । जिसका परिणाम रहा कि आज वह देश के लिए शहीद होकर हमारे जनपद समेत मेरे कुल का मानसम्मान बढ़ाया है।
जौनपुर जिले के सरायखाजा थाना क्षेत्र के भकुरा गांव की बीचली पट्टी में करीब पचास से अधिक घर चौहान क्षत्रीय आबाद है। इस कुल का पहला युवक राजेश सिंह चौहान ने भारत माता की रक्षा के लिए सन् 2009 में सेना में शामिल हुआ था। भकुरा गांव के प्रधान व शहीद के पचपन के दोस्त ने बताया कि राजेश पढ़ाई लिखाई के समय से ही पृथवीराज चौहान को अनुयायी मानते थे और हम लोगो से कहते थे कि सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करना चाहता हूं। इसी उद्देश्य से वे पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ सेना में भर्ती होने की तैयारी किया । जिसका परिणाम रहा कि आज वह देश के लिए शहीद होकर हमारे जनपद समेत मेरे कुल का मानसम्मान बढ़ाया है।