छाता मरम्मत करने वालों की दिन लौटे
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जौनपुर। कई साल बाद हुई भरपूर बरसात से छाता मरम्मत करने वालों के दिन एक बार फिर बहुरने लगे हैं। शहर के शाही पुल कोतवाली चैराहा, पुराने पोस्ट आफिस सहित विभिन्न बाजारों में छातों की मरम्मत का कार्य तेजी से करने में कारीगर जुटे है। सावन भी हुई वर्षा से जिन्होने कई वर्ष से छाते नहीं निकाले थे उन्होने अब उसे थाम लिया है। छाता बनाने वालों का कहना है कि पहले की अपेक्षा अब छाता का प्रयोग कम ही लोग करते है। आधुनिक युग में इसका करना लोग पिछड़ेपन की निशानी समझने लगे है। पहले लोग छाता शान से लगाकर निकलते थे लेकिन अब बाइक चालक और अन्य लोग रेन कोट पहनने लगे है। ग्रामीण क्षेत्र में जरूर इसका काफी प्रयोग होता है। यही वजह है कि छाता मरम्मत का काम भी तमाम कारीगरों ने बन्द कर दूसरा धन्धा कर लिया हैं। सामयिक काम होने के कारण इसमें कारीगरों की रूचि भी कम हो गयी है।