नदियां उफान पर, कई गाँवो में घुसा पानी
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जौनपुर। गोमती समेत पांच नदियों का जल स्तर बढ़ने के कारण जहां नदियों की गोद पूरी तरह से लबालब हो गया है वही दर्जनो गांवो के किसानों की फसलो को अपने आगोश में लेकर भूखमरी के कगार पर पहुंचा दिया है। किसान अपने भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे है। उनका रोना है हर वर्ष इसी तरह से बाढ़ के चपेट में आकर हमारी फसले बरबाद हो जाती है। मेरा सुधि लेने के लिए न तो कोई नेता सामने आता है न ही सरकारी मुलाजिम कोई सहायता दिलाते है।
जौनपुर जिले में इस समय भारी बारिश के चलते गोमती, सई, बसुई, पीली और वरना नदी पूरे उफान पर है। इन नदियों का पानी अब गांवो में प्रवेश करना शुरू कर दिया है। गांव में पानी घुसने से किसानो की फसल बरबाद हो गयी है। इस प्रलयकारी बाढ़ ने जहां किसाने के मुह का निवाला छिन लिया वही पशुओ के चारे को भी तहस नहस कर डाली है। ऐसी स्थिति किसानो के आंखो से आशू बह रहा है। किसानो का दर्द है कि हर वर्ष इसी तरह बाढ़ का पानी हमारी फसलो को चैपट कर दिया करती है इसके बाद भी कोई मेरा सुधि लेने वाला नही है नेता वोट लेकर चले जाते है और जब हम पर मुसीबत आती है तो वे पलटकर नही आते है। उधर जिला प्रशासन की तरफ से कोई सहायता नही दी जाती है।
जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी फिलहाल जनपद में स्थिति सामान्य है नदियों के जल स्तर पर निगाह रखी जा रही है। बाढ़ से निपटने के लिए पहले से ही पूरी तैयार की जा चुकी है। कुछ गांव में नदी का जल स्तर बढ़ने पानी घुस गया है। जिससे फसलो का नुकसान हुआ है।
जौनपुर जिले में इस समय भारी बारिश के चलते गोमती, सई, बसुई, पीली और वरना नदी पूरे उफान पर है। इन नदियों का पानी अब गांवो में प्रवेश करना शुरू कर दिया है। गांव में पानी घुसने से किसानो की फसल बरबाद हो गयी है। इस प्रलयकारी बाढ़ ने जहां किसाने के मुह का निवाला छिन लिया वही पशुओ के चारे को भी तहस नहस कर डाली है। ऐसी स्थिति किसानो के आंखो से आशू बह रहा है। किसानो का दर्द है कि हर वर्ष इसी तरह बाढ़ का पानी हमारी फसलो को चैपट कर दिया करती है इसके बाद भी कोई मेरा सुधि लेने वाला नही है नेता वोट लेकर चले जाते है और जब हम पर मुसीबत आती है तो वे पलटकर नही आते है। उधर जिला प्रशासन की तरफ से कोई सहायता नही दी जाती है।
जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी फिलहाल जनपद में स्थिति सामान्य है नदियों के जल स्तर पर निगाह रखी जा रही है। बाढ़ से निपटने के लिए पहले से ही पूरी तैयार की जा चुकी है। कुछ गांव में नदी का जल स्तर बढ़ने पानी घुस गया है। जिससे फसलो का नुकसान हुआ है।