थानों पर दलालों का वर्चस्व बढ़ा
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जौनपुर। इधर जनपद में लूट- छिनैती, जमीनों पर कब्जा सहित अन्य अपराधिक घटनायें आये दिन हो रही है और पुलिस उस पर अंकुश लगाने में नाकामयाब साबित हो रही है। कई कई बड़ी घटनाओं का खुलासा भी नहीं हो सका है। थानों में दलालों का बोलबाला और राजनैतिक हस्तक्षेप बढ़ गया है। सवेरे से थानों में दलालों का जमघट लग रहा है, इससे यही प्रतीत हो रहा हैकि पुलिस कम दलाल ज्यादा सक्रिय है। जनपद का प्रत्येक थाना और चौकियां चलाने में दलालों की भूमिका दिखाई दे रही है। जबकि पीड़ितों का थाना परिसरों में थानाध्यक्ष से सीधे मिलने के बजाय दलालों का सहारा लेना पड़ रहा है। इन दलालों के हौसले इतने बुलन्द है कि चाहे जैसा भी काम हो उनके लिए संभव हो जाता है जबकि मामूली काम के लिए भी लोगों को दर्जनों चक्कर थाने का लगाना पड़ता है। ये दलाल चाहे आम इन्सान के रूप में हो अथवा राजनैतिक दल के विशेषकर सत्ताधरी दल के लोग इसमें अधिक होते है। दलालों के माध्यम से झगड़ा - फसाद का निपटारा कराने में भी इनकी अहम् भूमिका होती है। सुविधा शुल्क के जोर से बड़े मामले भी चन्द मिनट में समाप्त कर दिये जाते है। अग यही खेल प्रत्येक थाने में चलता रहा तो पीड़ितों को न्यायालय नहीं बल्कि दलालों की शरण में जाना पसन्द करेगें। थानों में जिसकी लाठी उसकी भैस वाली तर्ज पर फैसला किया जाता है। यदि पुलिस कप्तान ने इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया तो बेकसूर जेलों की हवा खायेगें और खाकी पर प्रश्न चिन्ह लगता रहेगा।