स्वास्थ्य विभाग पर भारी पड़ रहा है चर्चित लिपिक
https://www.shirazehind.com/2016/07/blog-post_147.html?m=0
केराकत, जौनपुर । जिले के स्वास्थ्य विभाग पर भारी पड़ रहा है एक अधिंसख्य लिपिक। तभी तो विभाग सहित शासन-प्रशासन को खुली चुनौती देते हुये एक ही स्थान पर डेढ़ दशक से अधिक समय से अंगद के पांव की तरह से पैर जमाये अपनी मनमर्जी से कार्य कर रहा है।
बता दें कि केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त उक्त अधिसंख्य लिपिक पिछले 17 वर्षों से एक ही स्थान पर बिना सृजित पद के ही जमा है। इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन से लेकर उत्तर प्रदेश शासन को समय-समय पर शिकायती पत्र भेजकर विभागीय अनियमितताओं के जांच की मांग की जाती रही है लेकिन इसके बावजूद भी नियम के विरूद्ध लम्बे अन्तराल से एक ही स्थान पर जमे रहने के साथ वह स्थानीय होने के नाते विभागीय कार्य को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहा है।
उसके खिलाफ तमाम शिकायतों के बाद भी उसका जमे रहना स्वास्थ्य विभाग सहित उत्तर प्रदेश शासन की नीतियों पर अंगुलियां उठने लगी हैं। उक्त प्रकरण को लेकर पूर्व सीएमओ सहित वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी व जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजकर सम्पूर्ण प्रकरण की गहन जांच कर कार्यवाही की मांग की चुकी है लेकिन आज तक जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही करना तो दूर, उसको संज्ञान तक में नहीं लिया गया।
सूत्र बताते हैं कि उक्त प्रकरण में भ्रष्टाचार का अवलम्बन करते हुये चंद चांदी के जूतों की चकाचैंध के मध्य उपरोक्त प्रकरण पर पर्दा डालकर दबाने और रद्दी की टोकरी में सारी शिकायतों को डालने का कार्य किया जा रहा है जिस पर लगता है कि शासन-प्रशासन ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध लिया है।
बता दें कि केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त उक्त अधिसंख्य लिपिक पिछले 17 वर्षों से एक ही स्थान पर बिना सृजित पद के ही जमा है। इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन से लेकर उत्तर प्रदेश शासन को समय-समय पर शिकायती पत्र भेजकर विभागीय अनियमितताओं के जांच की मांग की जाती रही है लेकिन इसके बावजूद भी नियम के विरूद्ध लम्बे अन्तराल से एक ही स्थान पर जमे रहने के साथ वह स्थानीय होने के नाते विभागीय कार्य को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहा है।
उसके खिलाफ तमाम शिकायतों के बाद भी उसका जमे रहना स्वास्थ्य विभाग सहित उत्तर प्रदेश शासन की नीतियों पर अंगुलियां उठने लगी हैं। उक्त प्रकरण को लेकर पूर्व सीएमओ सहित वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी व जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजकर सम्पूर्ण प्रकरण की गहन जांच कर कार्यवाही की मांग की चुकी है लेकिन आज तक जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही करना तो दूर, उसको संज्ञान तक में नहीं लिया गया।
सूत्र बताते हैं कि उक्त प्रकरण में भ्रष्टाचार का अवलम्बन करते हुये चंद चांदी के जूतों की चकाचैंध के मध्य उपरोक्त प्रकरण पर पर्दा डालकर दबाने और रद्दी की टोकरी में सारी शिकायतों को डालने का कार्य किया जा रहा है जिस पर लगता है कि शासन-प्रशासन ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध लिया है।