डीएम के ड्रीम प्रोजक्ट पर डाका डालने की योजना तैयार !
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मामलू हो कि जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी अप्रैल माह से ही प्राथमिक विद्यालयों की दशा सुधारने का एक अभियान शुरू कर दिया था। इस सिलसिले पहले उन्होनो 21 ब्लाको को 210 विद्यालयों को अभिनव स्कूल में चयनित करके आमजन के सहयोग से बच्चो को बैठने के लिए डेस्क बेंच और ग्रीन बार्ड लगाने का कार्यक्रम शुरू किया। डीएम के इस कदम को लोग सराहना करते हुए लोग इस पुनीत कार्य में सहयोग किया। उसके बाद जिलाधिकारी ने जिले के सभी स्कूलो की दशा सुधारने का जिम्मा ग्राम प्रचायतो के कंधो पर सौप दिया। उन्होने जिला पंचायत राज अधिकारी को आदेशित किया इस बार 14 वित्त आयोग से आये करीब 40 करोड़ रूपये किसी और कार्य पर न खर्च करके केवल विद्यालयो की हालत की सुधारने में व्यय किया। डीएम ने बीएसए के माध्यम से सभी विद्यालयो के हेड मास्टर से कार्य योजना मंगवाकर अनुमानित लागत भी निर्धारित कराकर ग्राम समितियों को सौप दिया। डीएम के इस पहले से प्राथमिक विद्यालयों की दशा में सुधार तो जरूर आयेगा लेकिन इस कार्य में लगे ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत अधिकारी समेत इस पैसे से मलाई काटने वाले ऊपर के अन्य अधिकारियों को काफी दर्द हुआ है। अब इन लोगो तू डाल डाल तो मै पात पात वाली कहावत को सच्च करते हुए एक नयी योजना तैयार कर डाली है। ये लोग स्कूलो में आवटित धन का तीस प्रतिशत पहले ही ग्राम प्रधान से मांग शुरू कर दिया है। पैसा ने देने पर आवटित धन में कटौती करने की धमकी जूनियर इंजिनियर के द्वारा दी जाने लगी है। यदि इस गम्भीरता से ध्यान नही दिया गया तो ये लोग डीएम के ड्रीम प्रोजक्ट पर भी डाका डालने से नही चुकेगें।