धरने को गंभीरता से नहीं लेता प्रशासन
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जौनपुर। जिला प्रशासन शिकायत और धरना प्रदर्शन को गंभीरता से नहीं लेता। जिससे समस्याओं को निस्तारण नहीं होता और योजनाओं में गोलमाल का खेल बन्द नहीं होता तथा जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर लगाम नहीं लग पाता। इसका उदाहरण है खुटहन विकास खण्ड के लोहिया ग्राम ओइना में अपात्रों व संपन्न लोगों को योजनाओं का लाभ दिये जाने के का प्रकरण । विरोध ग्रामीण जिला मुख्यालय पर धरना दे रहे और जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौप रहे है लेकिन जांच पड़ताल की कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया जा रहा है। दूसरे दिन मंगलवार को धरने में ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम पंचायत में किसी सक्षम अधिकारी के मौजूदगी में खुली बैठक कराकर पात्र व्यक्तियों को लोहिया आवास का चयन किया जाय। अपात्रों को नाम काटा जाय तथा प्रधान व सचिव के खिलाफ कार्यवाही की जाय। उन्होने कहा कि बेदखल किये गये ग्राम रोजगार सेवक से कार्य लिया जाय और उनके बकाया मानदेयक का भुगतान किया जाय। आरोप लगाया कि सचिव द्वारा तीन साल के मास्टर रोल पर फर्जी भुगतान किया गया है इसकी जांच करायी जाय। बीपीएल अन्योदय का कार्ड जिन अपात्रों का बना है उनका नाम खुली बैठक में काटकर पात्रों का चयन किया जाय। धरने में उमाशंकर, सभा नाथ, रामचन्दर यादव, राम बचन, बब्बन शुक्ल, इन्द्रसेन, संजय यादव, विश्वनाथ गौतम दिनेश यादव मौजूद रहे।