हम अपना सर तो कटा देंगे पर अपने नाना के दीन-ए-इस्लाम पर कोई आच आने नहीं देंगे
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जौनपुर। मौलाना सैयद मकबूल अहमद मरहूम की याद में होने वाली आल इण्डिया पांच दिवसीय सालाना मजालिसे अजा ;100वां सालद्ध चौथे दिन शनिवार की रात आयोजित मकबूल मंजिल बलुआघाट इमामबाड़े में मजलिस को खेताब करते हुये अहले सुन्नत मौलाना कामरान हैदर हैदराबाद ने कहा कि रसूले खुदा हजरत मोहम्मद मुस्तफा ;स.अ.द्ध के दीने इस्लाम को बचाने के लिए करबला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों ने उस वक्त के सबसे बड़े आतंकवादी तानाशाह यजीदी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाकर यह पैगाम पूरी दुनिया को दे दिया था कि हम अपना सर तो कटा देंगे पर अपने नाना के दीन-ए-इस्लाम पर कोई आच आने नहीं देंगे। आज यही वजह है कि पूरी दुनिया में इमाम हुसैन का नाम लेने वाले मौजूद हैं पर यजीद के खानदान का कोई अता पता नहीं। आज जिस तहर से चन्द लोग इस्लाम के नाम पर बेगुनाहों का खून बहा रहे हैं वे मुसलमान हो ही नहीं सकते क्योंकि इस्लाम ने हमेशा मोहब्बत व शान्ति का पैगाम दिया है। ऐसे में हम सबको इस्लाम को बदनाम करने वालों सतर्क रहने की जरुरत है। मौलाना कामरान हैदर ने मथुरा में शहीद हुए उ0प्र0 पुलिस के दोनों जाबाज अधिकारी को श्र(ांजलित अर्पित करते हुए कहा कि इनकी शहादत बेकार नहीं जायेगी। आने वाली पीढ़ी दोनों जाबाज अधिकारियों की शहादत से प्रेरणा लेकर देश की सेवा करने का संकल्प मजबूत करेंगे।
इस मौके पर डा0 इन्तजार मेंहदी, कैफी रिजवी, हाजी सादिक मेहदी, शाहिद मेहदी, हसनैन कमर दीपू, अहमद अली प्यारे, खुर्शीद मेंहदी, मोहम्मद हैदर, तनवीर हसन, तौकीर हसन, मेंहदी अब्बास रुमी, मिर्जा अकलाख रमी, इ0 अमीर हैदर, अलिहादी तकी मेहदी, फैसल हसन तबरेज, रिजवान हैदर राजा, मो0 हैदर, आजम जैदी, सै0 बाकर हसन सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
इस मौके पर डा0 इन्तजार मेंहदी, कैफी रिजवी, हाजी सादिक मेहदी, शाहिद मेहदी, हसनैन कमर दीपू, अहमद अली प्यारे, खुर्शीद मेंहदी, मोहम्मद हैदर, तनवीर हसन, तौकीर हसन, मेंहदी अब्बास रुमी, मिर्जा अकलाख रमी, इ0 अमीर हैदर, अलिहादी तकी मेहदी, फैसल हसन तबरेज, रिजवान हैदर राजा, मो0 हैदर, आजम जैदी, सै0 बाकर हसन सहित अन्य लोग मौजूद रहे।