'जब पड़ती है रेड, तो टॉयलेट-तहखाने में छुपाई जाती हैं लड़कियां'
https://www.shirazehind.com/2016/06/blog-post_581.html
वाराणसी। रेड लाइट एरिया में रहनेवाली सेक्स वर्कर्स को दलदल से निकालने और बेहतर जिंदगी देने के लिए एक शख्स पिछले 27 सालों से जुटा है। काशी के अजीत सिंह को इसी नेक काम के लिए लाइफ ओके चैनल ने सम्मानित किया। अजीत के मुताबिक पुलिस रेड के टाइम सेक्स वर्कर्स को तहखानों और टॉयलेट तक में छुपाया जाता है। लिपस्टिक बेचने के बहाने बचाई सेक्स वर्कर्स की जिंदगी...
- खजूरी के रहने वाले अजीत ने पिछले 27 सालों में उन्होंने 40 से अधिक रेस्क्यू आपरेशन जिला प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर किए हैं।
- इन ऑपरेशन्स के जरिए महिलाओं व नाबालिग लड़कियों को कोठे की मालकिन, ब्रोथल कीपर और माफियाओं के चंगुल से आजाद कराया।
बातचीत में अजीत ने अपने रेस्क्यू ऑपरेशन के तरीकों का खुलासा किया।
- अजीत ने बताया, "मैं खुद कोठों की रेकी करता था। इसके लिए मैं कभी लिपस्टिक-फेस पाउडर जैसे कॉस्मेटिक्स तो कभी कपड़ों का सेल्समैन बनकर जाता था।"
- इलाहाबाद के रेड लाइट एरिया मीर गंज में भी अजीत ने 7 सालों तक सेक्स वर्कर्स को छुड़ाने की मुहिम चलाई।
- अजीत ने बताया कि इन एरिया की रेकी करने, स्पाई कैमरे से स्टिंग ऑपरेशन करने और सीक्रेट जगहों की इन्फोर्मेशन इकट्ठा करना काफी मुश्किल काम था।
बातचीत में अजीत ने अपने रेस्क्यू ऑपरेशन के तरीकों का खुलासा किया।
- अजीत ने बताया, "मैं खुद कोठों की रेकी करता था। इसके लिए मैं कभी लिपस्टिक-फेस पाउडर जैसे कॉस्मेटिक्स तो कभी कपड़ों का सेल्समैन बनकर जाता था।"
- इलाहाबाद के रेड लाइट एरिया मीर गंज में भी अजीत ने 7 सालों तक सेक्स वर्कर्स को छुड़ाने की मुहिम चलाई।
- अजीत ने बताया कि इन एरिया की रेकी करने, स्पाई कैमरे से स्टिंग ऑपरेशन करने और सीक्रेट जगहों की इन्फोर्मेशन इकट्ठा करना काफी मुश्किल काम था।
4 शहरों की सेक्स वर्कर्स को दी बेहतर जिंदगी
- अजीत सिंह यह काम 'रेस्क्यू गुड़िया' नाम की संस्थान के रूप में करते हैं।
- वे अपने रेस्क्यू ऑपरेशन उत्तर प्रदेश के 4 जिलों में कर चुके हैं।
- उन्होंने अपने उन ऑपरेशन्स की डीटेल्स शेयर कीं।
- वे अपने रेस्क्यू ऑपरेशन उत्तर प्रदेश के 4 जिलों में कर चुके हैं।
- उन्होंने अपने उन ऑपरेशन्स की डीटेल्स शेयर कीं।
टॉयलेट में बनी अलमारियों में छुपाई गईं थीं लड़कियां
- रेस्क्यू गुड़िया संस्था ने 2005 में वाराणसी में सबसे बड़ा ऑपरेशन स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर किया।
- अजीत के मुताबिक उनके ऑर्गेनाइजेशन ने 2000 से ज्यादा महिलाओं व लड़कियों को आजाद करवाया था।
- लड़कियों को जमीन के अंदर बने तहखानों, टॉयलेट में बनी आलमारी, दीवारों पर फोटो फ्रेम से ढके खांचों और बड़े बक्सों में छुपाया गया था।
- अजीत ऑपरेशन के पहले करीब 1 साल तक स्कूटर पर बैठकर पेड़ के नीचे रेड लाइट एरिया के बच्चों को पढ़ाते रहे। - शिवदासपुर में ही जमीन लेकर बालवाड़ी सेंटर भी खोला।
- सालभर रेकी के बाद स्टूडेंट्स, पब्लिक और पुलिस के साथ मिलकर ऑपरेशन को अंजाम दिया।
- अजीत के मुताबिक उनके ऑर्गेनाइजेशन ने 2000 से ज्यादा महिलाओं व लड़कियों को आजाद करवाया था।
- लड़कियों को जमीन के अंदर बने तहखानों, टॉयलेट में बनी आलमारी, दीवारों पर फोटो फ्रेम से ढके खांचों और बड़े बक्सों में छुपाया गया था।
- अजीत ऑपरेशन के पहले करीब 1 साल तक स्कूटर पर बैठकर पेड़ के नीचे रेड लाइट एरिया के बच्चों को पढ़ाते रहे। - शिवदासपुर में ही जमीन लेकर बालवाड़ी सेंटर भी खोला।
- सालभर रेकी के बाद स्टूडेंट्स, पब्लिक और पुलिस के साथ मिलकर ऑपरेशन को अंजाम दिया।