कृषि एवं कृषक दोनों उपेक्षित : हरिओम
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जौनपुर। कृषि प्रधान देश माने जाने वाले इस हिन्दुस्तान में आजादी से लेकर अब तक देखा जाय तो कृषि और कृषक दोनों ही उपेक्षित किये गये है । कहने को तो किसानां को अन्नदाता कहा गया लेकिन हकीकत यह है कि शासन से लेकर प्रशासन तक तथा साहूकार से ले कर बैक तक किसानों को दुधारी गाय समझ उसका शोषण करते है । जिसे अब पार्टी बरर्दाश्त नही करेगी । उक्त बाते हिन्दुस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रदेश महासचिव हरिओम केसरवानी ने सोहासा (गुलरा )ग्राम मे आयोजित पार्टी कार्यकर्ताओ की सभा को सम्बोधित करते हुए कही । उन्होने कहा की पार्टी का मानना है कि कृषि को कुटीर उद्योग का दर्जा दिया जाना चाहिए । किसानो को पेंशन के रूप मे कम से कम 5000रूपये प्रति माह दिया जाय , किसानो को उनकी लड़की की शादी मे 40 की दर पर ऋण दिलाया जाय ताकी किसान अपनी लाडली की डोली सजा सके । उन्होने कहा कि आज किसान को बिचौलिये ही लूट रहे है । मथुरा कांड की चर्चा करते हुए कहा की मथुरा मे हुए कंस के क्रूर कारनामो से पूरा देश सहम गया है जिसमे प्रदेश की अखिलेश सरकार भी शक के दायरे मे आ गयी कारण की इतना बड़ा दुष्शाहस बिना शासन प्रशासन के सहयोग के कोई कर ही नही सकता । इस अवसर पर विजय जायसवाल ,अमृत लाल ,कमलेश यादव ,जय प्रकाश आदि ने भी अपने बिचारब्यक्त किये द्य सभा की अध्यक्षता सीता राम पटेल एवं संचालन नौशाद आलम ने किया ।