भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काला धब्बा है आपातकालः एमएलसी
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जौनपुर। जून 1975 को देश पर थोपा गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास पर काला धब्बा है जिसे मिटाना असंभव है। इस पूरे घटनाक्रम की जिम्मेदार तत्कालीन केन्द्र की कांगे्रस सरकार रही। उक्त बातें भाजपा द्वारा आयोजित आपातकाल की 41वीं बरती पर बोलते हुये विधान परिषद सदस्य केदारनाथ सिंह ने कही। नगर के एक होटल में केन्द्र की भाजपा सरकार की 2 वर्ष की उपलब्धियों पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुये भाजपा काशी क्षेत्र के संगठन मंत्री रत्नाकर जी ने कहा कि इन दो वर्षों में देश स्वच्छ एवं सुन्दर हुआ है। इसके पहले डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी व दीन दयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण हुआ जिसके बाद अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन हुआ। तत्पश्चात् वंदेमातरम् गीत हुआ। इस दौरान कार्यक्रम संयोजक पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि आपातकाल को झेलने वाला ही आपातकाल की भयावहता को समझ सकता है। इस अवसर पर सांसद डा. केपी सिंह, हरिश्चन्द्र सिंह एडवोकेट, आशीष गुप्त, नन्द लाल यादव, विकास शर्मा, सुशील उपाध्याय, पूर्व सांसद विद्यासागर सोनकर, अशोक सिंह, रघुराज सिंह, बांके लाल सोनकर, सुबाष गुप्ता, किरन श्रीवास्तव, शशि मौर्या, रीता जायसवाल, माधुरी गुप्ता सहित सैकड़ांे लोग उपस्थित रहे।