आत्मसंतोष से बढ़कर कुछ नहीं है : V.C
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विष्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान स्थित इनोवेशन सेंटर में चल रहे क्वालिटी इश्यूज इन एकेडमिक एंड एडमिनिस्ट्रेशन विषयक कार्यशिविर के दूसरे दिन समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. पीयूश रंजन अग्रवाल ने विष्वविद्यालय के सम्पूर्ण विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए विष्वविद्यालयी कार्यकलापों के विभिन्न आयामों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अध्ययन, अध्यापन एवं प्रशासन सिक्के के दो पहलू है। बिना इनके बेहतर तालमेल के शैक्षणिक परिवेश नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने उपस्थित सभी से यह अपेक्षा की कि हमारे कार्य समयबद्ध तरीके से हो और सब अपना सर्वोत्कृश्ट योगदान विश्वविद्यालय को दें। शिक्षा एवं परिवेष के साथ प्सन महत्वपूर्ण है। अपनी सोच को जितना बड़ा किया जाएगा गुणवत्ता भी उतनी ही उच्च होगी। समय पर सही ढंग से, समुचित रूप से कार्य करना ही गुणवत्ता है। यही हमारी संस्कृति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्तव्य एवं अधिकार आत्मसंतोष से आता है। आत्मसंतोष से बढ़कर कुछ नहीं है। आज विष्वविद्यालय की बेहतरी के लिए जो प्रयास हो रहे है उसका लाभ आने वाली पीढ़ी को दृश्टिगत रखके किया जा रहा है। आगे चलकर हम सभी गर्व से यह कह सकेंगे कि इस विष्वविद्यालय को हमने क्या कुछ नया दिया है। उन्होंने समस्याओं के निराकरण, पारदर्षिता, कार्यसंस्कृति, पत्रावली के रख-रखाव, साफ-सफाई, समस्याओं एवं त्रुटियों आदि के निराकरण में तुरन्त कार्रवाई जैसे बिंदुओं पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिये।
इसके पूर्व तकनीकी सत्र में कार्यषाला के संयोजक प्रो. बीबी तिवारी ने विष्वविद्यालय परिसर में उपलब्ध सुविधाओं एवं भविश्यगत सुविधाओं की चर्चा की। उन्होंने नैक मूल्यांकन के सम्बन्धित 250 बिन्दुओं पर प्रकाष डालते हुए नैक द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप विष्वविद्यालय की प्रगति की दिषा में सम्पूर्ण विकास की आवष्यकता को रेखांकित किया।
कार्यषाला में विष्वविद्यालय के वरिश्ठ एवं सहायक अधीक्षकों के साथ विभिन्न प्रषासनिक स्तर पर वरीयता क्रम में की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी प्राप्त की गयी। तकनीकी सत्र को अधीक्षक डीपी घिल्डियाल, एमएम भट्ट, विनोद तिवारी, वीएस जायसवाल, रामआसरे, संजय श्रीवास्तव, अनिल श्रीवास्तव एवं दिवाकर राम ने सम्बोधित किया। उन्होंने पत्रावली के रख रखाव एवं त्वरित कार्य निश्पादन पर चर्चा की। इस अवसर पर प्रो. डीडी दूबे, वित्त अधिकारी एमके सिंह, उपकुलसचिव संजीव सिंह, डा. एके श्रीवास्तव, डा. अजय द्विवेदी, डा. मनोज मिश्र, डा. एसपी तिवारी, डा. राजेष षर्मा, डा. रामनारायण, धर्मेंद्र सिंह, पूजा सक्सेना, डा. संजीव गंगवार, डा. सुषील कुमार, डा. आलोक सिंह, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. कार्तिकेय षुक्ल, डा. सुधीर उपाध्याय, डा. विवेक पाण्डेय, डा. केएस तोमर, जगदम्बा मिश्रा, रामसूरत यादव, डा. पीके कौषिक, रामसामुझ सहित विष्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं कर्मचारी मौजूद रहे।