भड़के एसडीएम बोले दूसरे से मांगों, मै नहीं देता सूचना...!

केराकत, जौनपुर। उपजिलाधिकारी की हठधर्मिता नहीं तो और क्या कहा जायेगा कि कई दिनों के बाद भी सूचना प्राप्त न होने पर जब प्रार्थी स्वयं उपजिलाधिकारी कार्यालय में उनसे मिलकर सूचना देने का अनुरोध किया तो वह भड़क उठे और बोले दूसरे से मांगों, मै नहीं देता सूचना....।
जिला से लेकर तहसील प्रशासन तथा ब्लाक स्तर तक दौड़ लगाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया तो थक-हार करके पीड़ित अमित कुमार ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव व ऊर्जा राज्यमंत्री को पत्र भेजकर गुहार लगाते हुये पंचायती राज्यमंत्री से स्वयं मिलकर अपनी व्यथा प्रकट किया तो पंचायती राज्यमंत्री ने जब उपजिलाधिकारी से इस संदर्भ में पूछा तो उन्होंने बड़े ही सधे अंदाज में दो दिनों में सूचना उपलब्ध कराने की बात कही। यही बात जब ऊर्जा राज्यमंत्री ने मोबाइल से उपजिलाधिकारी से 27 दिसम्बर 2015 को की तो उन्होंने इन्हें भी वही दो दिन में सूचना दे देने की बात कह टरका दिया।
अब सहज ही समझा जा सकता है कि एक फरियादी की फरियाद का किस प्रकार से निराकण उपजिलाधिकारी केराकत करते हैं और उनके लिये मंत्री आदि आदेश क्या मायने रखते हैं। इतना ही नहीं, उपजिलाधिकारी कार्यालय की करामात देखिये। गुमराह करने के लिये व अपनी नाकामियों को छिपाने के लिये यशोधरा बनाम श्रीमती शीला के मामले में यशोधरा को मुकदमे के सिलसिले में तारीख की जो सूचना दी गयी, वह भ्रमित करने वाली रही। एक ही सूचना में दो-दो तिथियां दी गयीं, ताकि वह भ्रमित होकर रह जाय। हालांकि ऐसा कुछ हो नहीं पाया।
मजे की बात है कि जब इसकी जानकारी कम्प्यूटरीकृत वाद की प्रिंट कापी निकलवाकर ली गयी तो सब कुछ साफ हो गया कि उपजिलाधिकारी कार्यालय से खेल हो रहा है। वह भी एक पक्ष को लाभ पहुंचाने की नियत से।
                                                  मामले को लेकर दायर हुई याचिका
केराकत, जौनपुर । जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी में बरती जा रही हीला-हवाली व अधिकारियों की हठवादी रवैये से खिन्न होकर मामले को लेकर न्यायालय की शरण ली गयी है।
केराकत तहसील क्षेत्र के तरियारी गांव निवासिनी यशोधरा देवी ने उच्च न्यायालय में यशोधरा प्रति राज्य उत्तर प्रदेश आदि के खिलाफ याचिका दायर करते हुये समूचे प्रकरण में अधिकारियों, खासकर उपजिलाधिकारी केराकत की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़ा किया है।
इसे न्यायालय ने गम्भीरता से लेते हुये त्वरित कार्यवाही के लिये आदेशित किया है। अब देखना यह है कि अधिकारी न्यायालय के आदेश को किस गम्भीरता से लेते हैं और कहां तक उसका अनुपालन सुनिश्चित करते हैं।
 

Related

news 1086756970699439940

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item