कश्ती पर हुई जश्न-ए-इमाम जमाना की महफ़िल

जौनपुर। इमाम जमाना फाउन्डेशन के तत्वाधान में रविवार की रात हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक कश्ती पर जश्न-ए-इमाम जमाना महफ़िल पारंपरिक ढंग से आयोजित हुआ । इस मौके पर शायरों ने गोमती नदी के किनारे बेगमगंज स्तिथ सदरइमामबाडा घाट पर पूरी रात इमामे ज़माना की मदह्खानी की । तडके करीब चार बजे शिया धर्म गुरु मौलाना सफ़दर हुसैन जैदी की कयादत में 51 किलो का केक काटा गया जिसके बाद लोगो ने दुआए अरिज़ा पढ़ी और अपने-अपने अरिज़े दरिया के हवाले किये । जिसके बाद नज़र का एहतमाम हुआ । और लोगो ने मुल्क के अमन चौन के लिए दुआए मांगी । गौरतलब है की शबे 15 शाबान को इमामे ज़माना की आमद के सिलसिले से महफ़िल का आयोजन होता है जिसमें मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ हिन्दू वर्ग के भी सैकड़ो लोगों ने शिरकत कर शिराज-ए-हिन्द की गंगा-जमुनी तहजीब व हिन्दू-मुस्लिम एकता की डोर को और मजबूत करते है । पूरी रात ये अकीदतमंद गोमती की लहरों के साथ नाव पर अपने इमाम की आमद का जश्न मनाते हुए मदह्खानी करते है । रविवार की रात अपने रवायती अंदाज़ में यह कार्यक्रम सदर इमामबाडा घाट पर हुआ ।
इस दौरान शायरों ने पूरी रात मिदहत के शेर पढ़कर समां बाधा । “ सामरा की वादी से जब इमाम आएंगे, सब हुसैन वालों को एक जगह बुलाएंगे ,पढ़ते रहे, जिसपर उपस्थित श्रोता भाव विभोर हो गए। वहीं यासिर बनारसी ने मौला की जियारत करने को दरिया के कनारे बैठे हैं पढ़ कर लोगो की खूब वाह-वाही बटोरी । सुहैल रन्नवी ने “घर पे चिराग अपने जलाये तो कयामत , घर जलता हुआ अपना जो पाए तो क़यामत , ऐ महदिये दीन आप क़यामत है सरापा ,आये तो क़यामत , न आये तो क़यामत ”पेश किया । इस मौके पर मुस्लिम धर्म गुरू मौलाना सफदर हुसैन जैदी ने कहा कि इमाम की वेलादत की रात में अपने गुनाहों से तौबा करना चाहिए और अधिक समय अल्लाह की इबादत में गुजारनी चाहिए । बारहवें इमाम आज भी जिंदा हैं और परद-ए-गैब में हैं । जब अल्लाह का हुक्म होगा तो वे जाहिर होंगे और सारी दुनिया को अदलो इंसाफ से भर देंगें । उन्होंनें लोगों से आह्वान किया कि इमाम के पदचिन्हों पर चलते हुए मुल्क में अमन, सलामती व भाईचारा कायम करें ।  अंत में मौलाना ने दुआए अरीजा पढ़ाकर मन्नतों भरा पैगाम दरिया के हवाले किया । महफ़िल का कुशल संचालन मौलाना निसार हुसैन खान प्रिंस ने किया ,  इस मौके  नजमुल हसन नजमी, असगर हुसैन जैदी , अफसर हुसैन अनमोल , मीर बहादुर अली , जौहर हैदर ,  अली हैदर , अनवारुल हसन , मामा मौर्या ,  शाहिद , तालिब जैदी, सोहराब अंसारी आदि के साथ हज़ारों की संख्या में लोग मौजूद रहे ।
महफ़िल में मोहम्मद जाफर , जमीर जौनपुरी ,  अफरोज , मोहम्मद अब्बास काजिमी , मेहदी जौनुपरी , जैदी , मुनीर जौनपुरी , ज़हीर , तालिब फूलपुरी , अबू तालिब के अलावा दर्जनों शायरों ने मौला की आमद पर नजराने अकीदत पेश किया । अंत में इमाम जमाना फाउन्डेशन के अध्यक्ष समर हैदर अज़मी  एवं महासचिव आरिफ हुसैनी ने लोगों का शुक्रिया अदा किया।

Related

news 3134049107353945461

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item