भाजपा - कांग्रेस की जमानत जब्त, फिर किंग मेकर बने धनंजय सिंह
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जौनपुर। एमएलसी चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया है कि जिले में भाजपा और कांग्रेस की लूटिया डूब चुकी है और पूर्व सांसद धनंजय सिंह एक बार फिर से किंग मेकर साबित हुए है। धनंजय के प्रभुत्व ने जहां भाजपा प्रत्याशी को बुरी तरह से रौदते हुए जमान जब्त करा दिया है वही समाजवादी पार्टी के सात विधायक एक कैबिनेट मंत्री दो राज्यमंत्री और एक दर्जा प्राप्त मंत्री की लोकप्रियता को कटघरे में कर दिया है। फिलहाल सपा प्रत्याशी ने 978 मत प्राप्त करके कुछ हद तक पार्टी की इज्जत बचाने में कामयाब हुए है। उधर कांग्रेस प्रत्याशी शुरू से थका हुआ लग रहा था उसे मात्र पांच वोट मिला है।
जौनपुर एमएलसी चुनाव का विगुल बजते ही बसपा प्रत्याशी बृजेश सिंह प्रिंशू ने ताल ठोक दिया था। उनके सिर पर पूर्व बसपा सांसद धनंजय सिंह ने अपना हाथ मजबूती से रख दिया था। वे अपनी पूरी टीम के साथ दिन रात कड़ी मेहनत करके प्रिशू का जीतने में जुट गये थे। जिसके कारण भाजपा को प्रत्याशी ही नही मिल रहा था अंत धनंजय का विरोधी सपा नेता सतीश सिंह को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बना दिया। नामाकंन के आखिरी दिन उन्हे टिकट मिला वे आकर चुनाव मैदान में कुद गये। शिराज ए हिन्द डाॅट काम ने पहले ही इस खबर को पोस्ट किया था कि जौनपुर भाजपा में अब पतझड़ आ गया है। जिसका आंदेशा था वही हुआ भी सतीश सिंह के खाते मात्र 230 मत आया। यह भाजपाईयों के लिए शर्म की बात होनी चाहिए।
उधर जौनपुर की दस विधान सभा में से सात पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है। जिसमें एक कैबिनेट मंत्री है दो राज्यमंत्री और एक दर्जा प्राप्त मंत्री पद पर आसिन है। ऐसे में सपा प्रत्याशी लल्लन यादव को करारी शिकस्त मिलना इन नेताओ के लोकप्रियता पर सवालिया निशान लगा दिया है।
उधर भाजपा की तरह कांग्रेस में भी प्रत्याशी का टोटा होने के कारण एक क्षेत्रिय पत्रकार को अपना टिकट थमा दिया। जिसका परिणाम रहा कि कांग्रेस की बुरी तरह से भद् पीट गयी। कांग्रेस प्रत्याशी विपिन दुबे को मात्र पांच वोट मिला। कांग्रेस से अधिक मत निर्दल प्रत्याशी जोगेंद्र प्रसाद को 34 और नबी यादव को 6 वोट मिला। अब इन आकड़ो से अंदाजा लगा लिजिए की दोनो राष्ट्रीय पार्टियो की जिले में क्या हालत है।
जौनपुर एमएलसी चुनाव का विगुल बजते ही बसपा प्रत्याशी बृजेश सिंह प्रिंशू ने ताल ठोक दिया था। उनके सिर पर पूर्व बसपा सांसद धनंजय सिंह ने अपना हाथ मजबूती से रख दिया था। वे अपनी पूरी टीम के साथ दिन रात कड़ी मेहनत करके प्रिशू का जीतने में जुट गये थे। जिसके कारण भाजपा को प्रत्याशी ही नही मिल रहा था अंत धनंजय का विरोधी सपा नेता सतीश सिंह को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बना दिया। नामाकंन के आखिरी दिन उन्हे टिकट मिला वे आकर चुनाव मैदान में कुद गये। शिराज ए हिन्द डाॅट काम ने पहले ही इस खबर को पोस्ट किया था कि जौनपुर भाजपा में अब पतझड़ आ गया है। जिसका आंदेशा था वही हुआ भी सतीश सिंह के खाते मात्र 230 मत आया। यह भाजपाईयों के लिए शर्म की बात होनी चाहिए।
उधर जौनपुर की दस विधान सभा में से सात पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है। जिसमें एक कैबिनेट मंत्री है दो राज्यमंत्री और एक दर्जा प्राप्त मंत्री पद पर आसिन है। ऐसे में सपा प्रत्याशी लल्लन यादव को करारी शिकस्त मिलना इन नेताओ के लोकप्रियता पर सवालिया निशान लगा दिया है।
उधर भाजपा की तरह कांग्रेस में भी प्रत्याशी का टोटा होने के कारण एक क्षेत्रिय पत्रकार को अपना टिकट थमा दिया। जिसका परिणाम रहा कि कांग्रेस की बुरी तरह से भद् पीट गयी। कांग्रेस प्रत्याशी विपिन दुबे को मात्र पांच वोट मिला। कांग्रेस से अधिक मत निर्दल प्रत्याशी जोगेंद्र प्रसाद को 34 और नबी यादव को 6 वोट मिला। अब इन आकड़ो से अंदाजा लगा लिजिए की दोनो राष्ट्रीय पार्टियो की जिले में क्या हालत है।