विधवा ने मुख्यमंत्री व महिला आयोग से लगायी गुहार
https://www.shirazehind.com/2016/01/blog-post_35.html
ससुराल पक्ष पर प्रताडि़त करने का लगाया है आरोप
जौनपुर। शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के मखदूम शाह अढ़न निवासी एक विधवा ने मुख्यमंत्री, राज्य महिला आयोग, वरिष्ठ आरक्षी अधीक्षक इलाहाबाद, आरक्षी अधीक्षक को प्रार्थना-पत्र देकर ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुये न्याय की गुहार लगायी। विधवा नफीस फातमा के अनुसार सै. जफर अब्बास पुत्र सरदार हुसैन से उसकी शादी मई 2008 में हुई थी। जफर ट्रांसपोर्टर थे जो ट्रांसपोर्टनगर कानपुर में अपना ट्रांसपोर्ट चलाते थे। उनके पास कई ट्रक थे जो अपनी मेहनत की कमाई से कानपुर में ही जमीन खरीदकर अपना ट्रांसपोर्ट बनवाये थे। साथ ही मछरिया स्थित एक मकान में हम लोग किराये पर रहते थे। काम अधिक होने के चलते पति मेरे छोटे भाई को अपनी मदद के लिये बुला लिये थे। 20 जून 2015 को अचानक उनकी तबीयत खराब हुई तो उन्हें एक निजी चिकित्सालय ले जाया गया जहां चिकित्सकों के अनुसार उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई बतायी गयी। 21 जून को उनका शव कानपुर से जौनपुर स्थित पैतृक आवास लाया गया जहां परिवार वालों ने उन्हें रीति-रिवाज के साथ दफन किया। पति की मौत के बाद ससुर सरदार हुसैन और उनके अन्य लड़के मुझसे कानपुर की सभी ट्रकों के कागजात मांगने लगे। उस समय मेरी मानसिक दशा ठीक नहीं थी परन्तु ससुराल वाले दबाव बनाने लगे। 3 जुलाई को मेरे ससुर लड़कों के साथ आये और एक सादे स्टैम्प पर मुझ पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराने लगे जिसका जब मैंने विरोध किया तो जान से मारने की धमकी देते हुये घर से निकाल दिये। पीडि़ता के अनुसार इसके बाद वह अपने मायके इलाहाबाद चली गयी लेकिन इसके बावजूद भी ससुराल वाले फोन पर धमकी देते हुये ट्रांसपोर्ट व ट्रकों का कागजात मांगने लगे तो पीडि़ता ने उनसे बताया कि उस पर मेरे बेटे मो. वफी का हक है तो वे झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगे। यही नहीं, वे मुझे बदनाम करने की नियत से कानपुर के नौबस्ता थाने सहित आई जोन को शिकायती पत्र दिये जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी गोविंदनगर द्वारा करके सभी आरोपों को निराधार बताते हुये जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दिया गया। कुल मिलाकर अब ससुराल वाले पति की सम्पत्ति हड़पने के लिये मुझे लगातार परेशान कर रहे हैं। ऐसे में मैं अपने अबोध पुत्र को लेकर काफी चिंतित हूं। मेरा जीवन यापन का कोई सहारा नहीं है। ऐसे में खुद ही ट्रांसपोर्ट का कार्य देख रही हूं। पीडि़ता ने अपनी जानमाल, बच्चे के भविष्य की सुरक्षा की गुहार लगायी है।
जौनपुर। शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के मखदूम शाह अढ़न निवासी एक विधवा ने मुख्यमंत्री, राज्य महिला आयोग, वरिष्ठ आरक्षी अधीक्षक इलाहाबाद, आरक्षी अधीक्षक को प्रार्थना-पत्र देकर ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुये न्याय की गुहार लगायी। विधवा नफीस फातमा के अनुसार सै. जफर अब्बास पुत्र सरदार हुसैन से उसकी शादी मई 2008 में हुई थी। जफर ट्रांसपोर्टर थे जो ट्रांसपोर्टनगर कानपुर में अपना ट्रांसपोर्ट चलाते थे। उनके पास कई ट्रक थे जो अपनी मेहनत की कमाई से कानपुर में ही जमीन खरीदकर अपना ट्रांसपोर्ट बनवाये थे। साथ ही मछरिया स्थित एक मकान में हम लोग किराये पर रहते थे। काम अधिक होने के चलते पति मेरे छोटे भाई को अपनी मदद के लिये बुला लिये थे। 20 जून 2015 को अचानक उनकी तबीयत खराब हुई तो उन्हें एक निजी चिकित्सालय ले जाया गया जहां चिकित्सकों के अनुसार उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई बतायी गयी। 21 जून को उनका शव कानपुर से जौनपुर स्थित पैतृक आवास लाया गया जहां परिवार वालों ने उन्हें रीति-रिवाज के साथ दफन किया। पति की मौत के बाद ससुर सरदार हुसैन और उनके अन्य लड़के मुझसे कानपुर की सभी ट्रकों के कागजात मांगने लगे। उस समय मेरी मानसिक दशा ठीक नहीं थी परन्तु ससुराल वाले दबाव बनाने लगे। 3 जुलाई को मेरे ससुर लड़कों के साथ आये और एक सादे स्टैम्प पर मुझ पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराने लगे जिसका जब मैंने विरोध किया तो जान से मारने की धमकी देते हुये घर से निकाल दिये। पीडि़ता के अनुसार इसके बाद वह अपने मायके इलाहाबाद चली गयी लेकिन इसके बावजूद भी ससुराल वाले फोन पर धमकी देते हुये ट्रांसपोर्ट व ट्रकों का कागजात मांगने लगे तो पीडि़ता ने उनसे बताया कि उस पर मेरे बेटे मो. वफी का हक है तो वे झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगे। यही नहीं, वे मुझे बदनाम करने की नियत से कानपुर के नौबस्ता थाने सहित आई जोन को शिकायती पत्र दिये जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी गोविंदनगर द्वारा करके सभी आरोपों को निराधार बताते हुये जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दिया गया। कुल मिलाकर अब ससुराल वाले पति की सम्पत्ति हड़पने के लिये मुझे लगातार परेशान कर रहे हैं। ऐसे में मैं अपने अबोध पुत्र को लेकर काफी चिंतित हूं। मेरा जीवन यापन का कोई सहारा नहीं है। ऐसे में खुद ही ट्रांसपोर्ट का कार्य देख रही हूं। पीडि़ता ने अपनी जानमाल, बच्चे के भविष्य की सुरक्षा की गुहार लगायी है।