कामिल अवार्ड के 7वें सम्मान समारोह का हुआ आयोजन
https://www.shirazehind.com/2016/01/7.html
सभी धर्मों के लोग जुटे, संस्था ने दर्जनों को किया सम्मानित
जौनपुर। शिराज-ए-हिन्द की रचनात्मक संस्था ‘अलमास’ द्वारा मौलाना जफर अहमद सिद्दीकी जौनपुरी इमाम शाही ईदगाह की देख-रेख व एएमयू के पूर्व विभागाध्यक्ष मो. जाहिद खान की अध्यक्षता में ‘कामिल अवार्ड’ के 7वें सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद कमला प्रसाद सिंह हे जिन्होंने इन्कलाबी शायर कामिल शफीकी से अपने हार्दिक सम्बन्धों को याद करते हुये कहा कि कामिल शफीकी की क्रान्तिकारी रचनाएं हमेशा पढ़ी जाती रहेंगी। सदर विधायक नदीम जावेद ने कहा कि कामिल जी ने जुल्म व नाइंसाफी के खिलाफ अपनी पुरजोर आवाज बुलन्द की। पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि ‘बहाते हो लहू सड़कों पे आज अपना मगर सोचो... वतन जब खून माँगेगा तुम्हारे पास क्या होगा’ कामिल जी की अमर रचना है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक अरशद खान ने कहा कि कामिल साहब मजदूरों, गरीबों, किसानों व मजलूमों के सच्चे अलमबरदार थे। पूर्व विधायक अफजाल अहमद ने कहा कि हमें गर्व है कि कामिल साहब ने अपनी इन्कलाबी शायरी से देश-दुनिया में जौनपुर को एक नयी साहित्यिक पहचान दी है। जैनब आकिल खान ने कहा कि एक शायर के लिये इससे बड़ी श्रद्धांजलि और हो सकती है। सेन्ट पैट्रिक्स की प्रधानाचार्या सिस्टर फिलीशिया ने मुबारकबाद पेश की। इस दौरान राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित शिक्षक मो. असलम, लल्लन उपाध्याय एवं शिवजोर राम को ‘मंजिले कामिल’, सभाजीत प्रखर द्विवेदी को ‘नाजिमे कामिल’, खलील इब्ने असर एवं प्रेस फोटोग्राफर बादल चक्रवर्ती को ‘मुसव्विरे कामिल’, शाद अब्बासी बनारसी को उनकी किताब ‘मदनपुरा की अंसारी बिरादरी’ एवं डा. अब्दुस्सलाम नदवी को ‘कशकोले सलाम’ के लिये ‘मुसन्निफे कामिल’, नन्दल हितैषी इलाहाबाद को ‘छेनियों का दंश’ एवं अजय कुमार ‘नया बीजक’ के लिये ‘मुफक्किरे कामिल’, मुन्ना अकेला को निर्माण कार्यों के लिये ‘जज्बए कामिल’, वरिष्ठ पत्रकार रमेश सोनी को ‘मेआरे कामिल’, सामूहिक विवाह कराने वाली संस्था जेब्रा के अध्यक्ष संजय सेठ को ‘रहबरे-कामिल’ एवं शाही पुल से कूदकर गोमती में जान देने वाले गणेश प्रसाद पाण्डेय और रूस्तम अली को क्रमशः ‘मुजाहिदे कामिल’ व ‘जज्बए कामिल’ का अवार्ड दिया गया। इस अवसर पर दीवानी अधिवक्ता संघ के महामंत्री कामरेड जय प्रकाश सिंह, श्री गुरू सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार कुलवंत सिंह, डा. सुभाष सिंह, डा. जीएस ख़न, संजीव यादव, ओम प्रकाश मिश्र, कोशिश के अध्यक्ष डा. आरएन सिंह, धीरेन्द्र पटेल, डा. पीसी विश्वकर्मा, डा. शाहिद अमान, सुभाष कुशवाहा, सतवन्त सिंह, डा. प्रमोद वाचस्पति, असलम शेर खान, मो. मुश्ताक, इस्माइल कुरैशी, अफजाल कुरैशी, अब्दुल हकीम, अबूजर अंसारी, एसएम अब्बास, नायब इमाम, फैसल कमर सिद्दीकी, कारी जिया, मास्टर शमीम, अध्यापिका मेहनाज बानो, नियाज ताहिर शेखू, हफीज शाह, राजीव पाठक, अशोक मिश्र, मो. शाहिद, जनार्दन अस्थाना आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संस्थाध्यक्ष शायर आकिल जौनपुरी ने किया। अन्त में महासचिव विनोद गुप्ता ने सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
जौनपुर। शिराज-ए-हिन्द की रचनात्मक संस्था ‘अलमास’ द्वारा मौलाना जफर अहमद सिद्दीकी जौनपुरी इमाम शाही ईदगाह की देख-रेख व एएमयू के पूर्व विभागाध्यक्ष मो. जाहिद खान की अध्यक्षता में ‘कामिल अवार्ड’ के 7वें सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद कमला प्रसाद सिंह हे जिन्होंने इन्कलाबी शायर कामिल शफीकी से अपने हार्दिक सम्बन्धों को याद करते हुये कहा कि कामिल शफीकी की क्रान्तिकारी रचनाएं हमेशा पढ़ी जाती रहेंगी। सदर विधायक नदीम जावेद ने कहा कि कामिल जी ने जुल्म व नाइंसाफी के खिलाफ अपनी पुरजोर आवाज बुलन्द की। पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि ‘बहाते हो लहू सड़कों पे आज अपना मगर सोचो... वतन जब खून माँगेगा तुम्हारे पास क्या होगा’ कामिल जी की अमर रचना है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक अरशद खान ने कहा कि कामिल साहब मजदूरों, गरीबों, किसानों व मजलूमों के सच्चे अलमबरदार थे। पूर्व विधायक अफजाल अहमद ने कहा कि हमें गर्व है कि कामिल साहब ने अपनी इन्कलाबी शायरी से देश-दुनिया में जौनपुर को एक नयी साहित्यिक पहचान दी है। जैनब आकिल खान ने कहा कि एक शायर के लिये इससे बड़ी श्रद्धांजलि और हो सकती है। सेन्ट पैट्रिक्स की प्रधानाचार्या सिस्टर फिलीशिया ने मुबारकबाद पेश की। इस दौरान राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित शिक्षक मो. असलम, लल्लन उपाध्याय एवं शिवजोर राम को ‘मंजिले कामिल’, सभाजीत प्रखर द्विवेदी को ‘नाजिमे कामिल’, खलील इब्ने असर एवं प्रेस फोटोग्राफर बादल चक्रवर्ती को ‘मुसव्विरे कामिल’, शाद अब्बासी बनारसी को उनकी किताब ‘मदनपुरा की अंसारी बिरादरी’ एवं डा. अब्दुस्सलाम नदवी को ‘कशकोले सलाम’ के लिये ‘मुसन्निफे कामिल’, नन्दल हितैषी इलाहाबाद को ‘छेनियों का दंश’ एवं अजय कुमार ‘नया बीजक’ के लिये ‘मुफक्किरे कामिल’, मुन्ना अकेला को निर्माण कार्यों के लिये ‘जज्बए कामिल’, वरिष्ठ पत्रकार रमेश सोनी को ‘मेआरे कामिल’, सामूहिक विवाह कराने वाली संस्था जेब्रा के अध्यक्ष संजय सेठ को ‘रहबरे-कामिल’ एवं शाही पुल से कूदकर गोमती में जान देने वाले गणेश प्रसाद पाण्डेय और रूस्तम अली को क्रमशः ‘मुजाहिदे कामिल’ व ‘जज्बए कामिल’ का अवार्ड दिया गया। इस अवसर पर दीवानी अधिवक्ता संघ के महामंत्री कामरेड जय प्रकाश सिंह, श्री गुरू सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार कुलवंत सिंह, डा. सुभाष सिंह, डा. जीएस ख़न, संजीव यादव, ओम प्रकाश मिश्र, कोशिश के अध्यक्ष डा. आरएन सिंह, धीरेन्द्र पटेल, डा. पीसी विश्वकर्मा, डा. शाहिद अमान, सुभाष कुशवाहा, सतवन्त सिंह, डा. प्रमोद वाचस्पति, असलम शेर खान, मो. मुश्ताक, इस्माइल कुरैशी, अफजाल कुरैशी, अब्दुल हकीम, अबूजर अंसारी, एसएम अब्बास, नायब इमाम, फैसल कमर सिद्दीकी, कारी जिया, मास्टर शमीम, अध्यापिका मेहनाज बानो, नियाज ताहिर शेखू, हफीज शाह, राजीव पाठक, अशोक मिश्र, मो. शाहिद, जनार्दन अस्थाना आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संस्थाध्यक्ष शायर आकिल जौनपुरी ने किया। अन्त में महासचिव विनोद गुप्ता ने सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।