शिक्षकों को पूर्ण तैयारी के साथ-साथ व्यवहार प्रबन्धन पर भी ध्यान देना आवश्यक है
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जौनपुर। शिक्षण के समय
गुरू शिष्य व्यवहार का समायोजन महत्वपूर्ण होता है। बगैर व्यवहार प्रबन्धन
के शिक्षण पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। शिक्षकों के लिए आवश्यक है कि
गृह तथा कक्षा व्यवहार प्रबन्धन को बड़े सुनियोजित तरीके से प्रस्तुत करे।
उक्त विचार रचना विशेष विद्यालय में भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा आयोजित
‘सतत् पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम’ के पांच दिवसीय प्रशिक्षण के अन्तिम दिन
सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि जिला विकास जन अधिकारी राजेश सोनकर ने
व्यक्त किया;। विशिष्ट अतिथि जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी शैलेष राय ने
कहा कि विकलांग बच्चों की शिक्षा अति आवश्यक है क्योंकि विकलांग बच्चों की
शिक्षा राष्ट्र की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम
की अध्यक्षता करते हुए तिलकधारी सिंह पीजी कालेज के शिक्षक शिक्षा विभाग
के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार दुबे ने कहाकि सफल शिक्षण के लिए
शिक्षकों को पूर्ण तैयारी के साथ-साथ व्यवहार प्रबन्धन पर भी ध्यान देना
आवश्यक है, जिससे छात्रों में निश्चित समय में अधिकतम ज्ञान के साथ-साथ
अच्छा व्यवहार भी समायोजित हो सके। व्यवहार प्रबन्धन के अन्तर्गत उन्होंने
गृह एवं कक्षा व्यवहार पर भी विस्तृत प्रकाश डाला। जिला समन्वयक (समेकित
शिक्षा) श्रीमती मंजू पासवान ने कहाकि विशेष बच्चों को घर एवं विद्यालय में
जिस तरह का व्यवहार करने का तरीका बताया जायेगा वह आगे चलकर उसी तरह का
व्यवहार प्रस्तुत करेगा। गृह एवं कक्षा आधारित व्यवहार प्रबन्धन विषय पर
विद्यालय के अन्य प्रवक्ताओं, डा. संतोष कुमार सिंह, सचिन यादव, अजय कुमार
वर्मा द्वारा व्याख्यान दिया गया। आये हुए अतिथियों का स्वागत रचना विशेष
विद्यालय के प्रबंधक नसीम अख्तर ने किया। कार्यक्रम का संचालन समन्वयक
सुनील कुमार गुप्ता ने किया। इस मौके पर विद्यालय के प्रवक्ता धर्मेन्द्र,
ब्रजराज सिंह, अरविन्द यादव, मंजू यादव, गुलाम अब्बास जैदी आदि मौजूद रहे।