‘सबसे बड़ी रात व छोटा दिन’ पर बुद्धिजीवियों ने की गोष्ठी

   जौनपुर। 22 दिसम्बर को सबसे बड़ी रात और सबसे छोटा दिन होता है जिसको लेकर पूर्व संध्या पर ज्योतिष डा. दिलीप सिंह की अध्यक्षता में गोष्ठी हुई। इस मौके पर डा. सिंह सहित बिरला इन्स्टीट्यूट के दुर्गेश पाठक ने कहा कि 22 दिसम्बर को सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत् चमकता है जो विषुवत् एवं कर्क रेखा से बहुत दूर दक्षिण में है जिससे उत्तरी गोलार्द्ध में दिन बहुत छोटे और रातें बहुत बड़ी होती हैं। भारत में 14 घण्टे की रात व 10 घण्टे का दिन होता है जबकि साढ़े 66 उत्तरी अक्षांश मंें सूर्य रात में भी छिपा रहता है। यहां तक कि उत्तरी धु्रव में 6 माह की रात होती है। इसके अलावा वैज्ञानिक सुरेश वर्मा, दिव्येन्दु सिंह, कन्हैया लाल, संजय उपाध्याय, डा. सतीश शास्त्री सहित अन्य वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त करते हुये कहा कि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिक्रमण व परिभ्रमण के चलते 22 मार्च एवं 23 सितम्बर को दुनिया में दिन-रात बराबर रहते हैं। इस अवसर पर डा. मानवेन्द्र, जनार्दन सिंह, राम नरायन सिंह एडवोकेट, पद्मा सिंह, निधि, अलका, शिप्रा, डा. अजेय, डा. अरूण उपस्थित रहे।

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