अन्याय से कमाया धन परिजनों के लिये होता है दुखदायीः आत्म प्रकाश
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जौनपुर। पूर्वांचल की आस्था के केन्द्र शीतला चैकियां धाम में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन महाराष्ट्र से पधारे स्वामी श्री आत्म प्रकाश सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भ्रष्टाचार, अन्याय व अधर्म से कमाया हुआ धन बेटों व पोतों के लिये भयंकर दुखदायी होता है। ऐसा धन कमाने वाला सीधा नरक में गिराता है। उन्होंने कहा कि अपनी ब्याही पत्नी को पीड़ा देने से पति को नरक में भयंकर कष्ट सहना पड़ता है। दीन-दुखियों की सहायता तीर्थ से भी ज्यादा फल देने वाला होता है। समाज की विषमता से समता की शक्ति देने की उत्तम साधन है श्रीमद्भागवत कथा। सत्ता, सम्पत्ति, संतान मानव जीवन के मुसाफिर के साधन हैं। मानव जीवन की मंजिल आत्म दर्शन है। शरीर के आत्मा निकल जाने से सारे रिश्ते-नाते समाप्त हो जाते हैं। अन्त में उन्होंने कहा कि धु्रव रूपी आत्म सुन की प्राप्ति में माया रूपी सुरूचि सबसे बड़ी बाधक है। इस अवसर पर राजेन्द्र गुप्ता, हनुमान त्रिपाठी, मदन गुप्ता, राजेश गुप्ता, संजय गुप्ता, विनोद मोदनवाल, आचार्य बाल गोविन्द पाण्डेय, विपिन माली सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।