पुलिस कास्टेबलो के साथ किये गये वादे भूल गयी है सपा सरकार !
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जौनपुर। विधानसभा 2012 चुनाव के समय सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कई वादे जनता और सकारी कर्मचारियो से किया था। उसमें से अधिकांश वादे सपा सरकार ने पूरा भी किया जो वादे पूरे नही हुए वह पाईप लाईन में है। लेकिन पुलिस कर्मियो के साथ किये गये वादा पूरा न होने से कास्टेबलो में मायूसी छायी हुई है। ये वो पुलिस कर्मी है जिन्हे समाजवादी पार्टी ने भर्ती किया था लेकिन बसपा सरकार आयी तो सभी को बरखास्त कर दिया था। बाद में कोर्ट के आदेश पर इन सिपाहियो को राहत मिली थी।
समाजवादी पार्टी ने 23 नवम्बर 2006 को पूरे प्रदेश में 22 हजार पुलिस कास्टेबलो की भर्ती किया था। लेकिन 2007 विधानसभा चुनाव में सत्ता परिर्वन हुआ तो बसपा सरकार ने 10 सितम्बर 2007 को इस नियुक्ति को अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिया था। अपनी नौकरी जाने के बाद इन कास्टेबलो ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने 25 मई 2009 को इनकी नियुक्ति बहाल करते हुए यूपी सरकार को सभी तैनात करने का आदेश दिया। कोर्ट का आदेश मिलते ही माया सरकार ने वापस नौकरी दे तो दिया लेकिन उन्हे फ्रेस नियुक्ति किया जिसके कारण इन लोगो की नौकरी दो वर्ष आगे हो गयी। दो वर्ष खराब होने के कारण जहां इन तनख्वाह नही मिली वही इक्रिमेंट भी रूक गयी है। 2012 विधान सभा चुनाव में सपा के ऐजेण्डे में जहां तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं रही वही इन कास्टेबलो को पहली तैनाती को वैध करने के साथ तैनाती के समय से वेतन भुगतान कराने समेत तमाम सुविधाएं दिलाने का मामला शामिल रहा। सरकार कार्यकाल समाप्त होने में मात्र डेढ़ वर्ष ही शेष बचे है अभी तक यह वादा सरकार द्वारा पूरा न किये जाने के कारण पुलिस कर्मियो में मायूसी छायी हुई है। इनका रोना है कि हम लोग डिस्पिलिन से बधे होने के कारण अपनी आवाज को कैसे मुख्यमंत्री पहुंचाये।
समाजवादी पार्टी ने 23 नवम्बर 2006 को पूरे प्रदेश में 22 हजार पुलिस कास्टेबलो की भर्ती किया था। लेकिन 2007 विधानसभा चुनाव में सत्ता परिर्वन हुआ तो बसपा सरकार ने 10 सितम्बर 2007 को इस नियुक्ति को अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिया था। अपनी नौकरी जाने के बाद इन कास्टेबलो ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने 25 मई 2009 को इनकी नियुक्ति बहाल करते हुए यूपी सरकार को सभी तैनात करने का आदेश दिया। कोर्ट का आदेश मिलते ही माया सरकार ने वापस नौकरी दे तो दिया लेकिन उन्हे फ्रेस नियुक्ति किया जिसके कारण इन लोगो की नौकरी दो वर्ष आगे हो गयी। दो वर्ष खराब होने के कारण जहां इन तनख्वाह नही मिली वही इक्रिमेंट भी रूक गयी है। 2012 विधान सभा चुनाव में सपा के ऐजेण्डे में जहां तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं रही वही इन कास्टेबलो को पहली तैनाती को वैध करने के साथ तैनाती के समय से वेतन भुगतान कराने समेत तमाम सुविधाएं दिलाने का मामला शामिल रहा। सरकार कार्यकाल समाप्त होने में मात्र डेढ़ वर्ष ही शेष बचे है अभी तक यह वादा सरकार द्वारा पूरा न किये जाने के कारण पुलिस कर्मियो में मायूसी छायी हुई है। इनका रोना है कि हम लोग डिस्पिलिन से बधे होने के कारण अपनी आवाज को कैसे मुख्यमंत्री पहुंचाये।