दो माह बाद खिले चेहरे, मनायी गई खुशियां, खेला गया रंग
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सबहेडिंग नवरोज के अवसर पर शिया समुदाय ने दी एक दूसरे को बधाई
जौनपुर। दो महीना आठ दिन तक लगातार शिया समुदाय द्वारा गम मनाने के बाद सोमवार को नवरोज का पर्व हर्षोल्लास के साथ पूरे जिले में मनाया गया। ईदे जहरा के इस मौके पर नगर में कई स्थानों पर जुलूस निकाले गये जिसमें रंगों से सराबोर लोग एक दूसरे पर खुशी के रंग लगाते चल रहे थे। गौरतलब हो कि आज ही के दिन पर इमामे जमाना हजरत इमाम मेंहदी अ.स. की ताजपोशी हुई थी और तब से वे परदे गैब से अपनी इमामत पूरी कायनात में आज भी कायम रखे है। इस मौके पर कई स्थानों पर गोष्ठियां भी आयोजित की गयी साथ ही शिया बाहुल्य इलाकों में काले झंडे उतारकर लाल झंडे लगा दिये गये और घरों में मीठे, अच्छे-अच्छे पकवान पकाकर एक दूसरे को लोगों ने खिलाकर खुशी का इजहार किया। नगर के बलुआघाट मोहल्ले में सुबह नवरोज का जुलूस ढोल बाजे के साथ निकाला गया। अंजुमन हुसैनिया के नेतृत्व में यह जुलूस अपने कदीम रास्तों से होता हुआ। शाही किला, बलुआ घाट होते हुए नौरोज के मैदान में जाकर समाप्त हुआ। जुलूस में छोटे हो या बड़े सभी एक दूसरे पर रंग डालते नजर आ रहे थे। हर तरफ मानों होली के हुड़दंग का माहौल नजर आ रहा था। लोगों ने रंगों की होली खेलकर एक दूसरे के गले मिलकर ईदे जहरा की मुबारकबाद दी और शाम को मीठे पकवान खिलाकर मुल्क में अमन चैन शांति की दुआ की। देर रात्रि बलुआघाट में एक इस्लामिक नाटक का मंच भी सजा, जिसमें अंजुमन हुसैनिया के लोगों ने अपने-अपने किरदार निभाकर पूरे रात लोगों को बांधे रखा। वहीं पानदरीबा मोहल्ला में ईद-ए-जहरा के मौके पर जुलूस निकाला गया। जुलूस दालान से डीजे, घोड़ों के साथ अपने कदीम रास्तों से होता हुआ चार अंगुल मस्जिद पर जाकर समाप्त हुआ। आज के दिन लोगों ने एक दूसरे को रंग लगाकर ईद-ए-जहरा की बधाई दी। वहीं पुरानी बाजार मोहल्ला में शिया समुदाय के लोगों ने महफिल और जुलूस का अयोजन किया और एक दूसरे पर रंग लगाकर बधाई देते नजर आए। लोग अपने-अपने घरों को लाल झंडों और झिलमिलियों से सजाया। घरों में तरह-तरह के पकवानों को पकाये गये और लोग नये-नये कपड़ों को पहनकर खुशबू लगाकर एक दूसरे को ईद की बधाई दी। जफराबाद संवाददाता के अनुसार नगर पंचायत जफराबाद के नासही मोहल्ले के शिया बस्ती में ईद-ए-जहरा का पर्व परम्परागत ढंग से मनाया गया। मोहर्रम से अपनी श्रृंगार का त्याग करने वाली ािया औरतों ने आज श्रंृगार धारण किया और एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर और गले मिलकर नवरोज की बधाई दी।
जौनपुर। दो महीना आठ दिन तक लगातार शिया समुदाय द्वारा गम मनाने के बाद सोमवार को नवरोज का पर्व हर्षोल्लास के साथ पूरे जिले में मनाया गया। ईदे जहरा के इस मौके पर नगर में कई स्थानों पर जुलूस निकाले गये जिसमें रंगों से सराबोर लोग एक दूसरे पर खुशी के रंग लगाते चल रहे थे। गौरतलब हो कि आज ही के दिन पर इमामे जमाना हजरत इमाम मेंहदी अ.स. की ताजपोशी हुई थी और तब से वे परदे गैब से अपनी इमामत पूरी कायनात में आज भी कायम रखे है। इस मौके पर कई स्थानों पर गोष्ठियां भी आयोजित की गयी साथ ही शिया बाहुल्य इलाकों में काले झंडे उतारकर लाल झंडे लगा दिये गये और घरों में मीठे, अच्छे-अच्छे पकवान पकाकर एक दूसरे को लोगों ने खिलाकर खुशी का इजहार किया। नगर के बलुआघाट मोहल्ले में सुबह नवरोज का जुलूस ढोल बाजे के साथ निकाला गया। अंजुमन हुसैनिया के नेतृत्व में यह जुलूस अपने कदीम रास्तों से होता हुआ। शाही किला, बलुआ घाट होते हुए नौरोज के मैदान में जाकर समाप्त हुआ। जुलूस में छोटे हो या बड़े सभी एक दूसरे पर रंग डालते नजर आ रहे थे। हर तरफ मानों होली के हुड़दंग का माहौल नजर आ रहा था। लोगों ने रंगों की होली खेलकर एक दूसरे के गले मिलकर ईदे जहरा की मुबारकबाद दी और शाम को मीठे पकवान खिलाकर मुल्क में अमन चैन शांति की दुआ की। देर रात्रि बलुआघाट में एक इस्लामिक नाटक का मंच भी सजा, जिसमें अंजुमन हुसैनिया के लोगों ने अपने-अपने किरदार निभाकर पूरे रात लोगों को बांधे रखा। वहीं पानदरीबा मोहल्ला में ईद-ए-जहरा के मौके पर जुलूस निकाला गया। जुलूस दालान से डीजे, घोड़ों के साथ अपने कदीम रास्तों से होता हुआ चार अंगुल मस्जिद पर जाकर समाप्त हुआ। आज के दिन लोगों ने एक दूसरे को रंग लगाकर ईद-ए-जहरा की बधाई दी। वहीं पुरानी बाजार मोहल्ला में शिया समुदाय के लोगों ने महफिल और जुलूस का अयोजन किया और एक दूसरे पर रंग लगाकर बधाई देते नजर आए। लोग अपने-अपने घरों को लाल झंडों और झिलमिलियों से सजाया। घरों में तरह-तरह के पकवानों को पकाये गये और लोग नये-नये कपड़ों को पहनकर खुशबू लगाकर एक दूसरे को ईद की बधाई दी। जफराबाद संवाददाता के अनुसार नगर पंचायत जफराबाद के नासही मोहल्ले के शिया बस्ती में ईद-ए-जहरा का पर्व परम्परागत ढंग से मनाया गया। मोहर्रम से अपनी श्रृंगार का त्याग करने वाली ािया औरतों ने आज श्रंृगार धारण किया और एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर और गले मिलकर नवरोज की बधाई दी।