धर्म वही सच्चा जो सुखदायी परिणाम देः संत शिरोमणि

नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में प्रस्तुत हुई आकर्षक झांकी
    जौनपुर। धर्म वही सच्चा है जिसमंे हर प्राणी के लिये सत्य, न्याय, आत्म विकास एवं सदा सुखदायी परिणाम हो। जिस व्यवहार व व्यवस्था से मानवता को ठेस लगे, उसे अधर्म कहते हैं। शरीर में मुख को ब्राह्मण बताया गया तो भुजा को क्षत्रिय व पेट को वैश्य तो पैर को शूद्र लेकिन सभी अंग शरीर के लिये महत्वपूर्ण हैं। चारों में से एक की पीड़ा से पूरा शरीर दुखी हो जाता है। उक्त विचार मां शीतला चैकियां धाम में चल रहे 9 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के 5वें दिन महाराष्ट्र से पधारे संत शिरोमणि श्री आत्म प्रकाश सरस्वती जी महाराज ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शरीर के चारों अंग की तरह समाज के विकास के लिये हर जाति एवं वर्ण का महत्व भी एक समान होता है। उत्तम समाज के लिये सब वर्णों का स्वस्थ रहना आवश्यक है। उत्तम विचार ही सभी के विकास में मुख्य भूमिका निभाता है। महाराज जी ने कहा कि भागवत कथा उत्तम विचार की संजीवनी बूटी है, इसलिये संकोच त्याग करके सबको इस सत्संग से जुड़कर अपना कल्याण करते हुये समाज कल्याण की मुख्य शक्ति प्राप्त करना चाहिये। कथा के बीच में राम मोहन ‘प्यारे’ ने अपने भजनों से श्रद्धालुओं को मंत्र-मुग्ध कर दिया। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की झांकी दिखायी गयी जो लोगों के लिये आकर्षण का केन्द्र बनी। इस दौरान आये अतिथियों का स्वागत भागवत सेवा समिति के पदाधिकारियों ने किया। इस अवसर पर मदन लाल गुप्ता, अमरनाथ वर्मा, मोहन लाल गुप्ता, सुबाष गुप्ता, राजेन्द्र गुप्ता, राम आसरे साहू, विश्वनाथ माली आदि मौजूद रहे।

Related

news 7345062543287666507

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item