गांव का प्रधान बनने के लिए धन पशुओ ने झोकी ताकत, गांव में कर रहे है पैसो की बारिश
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जौनपुर। ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए आज से नामाकंन प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इस बार प्रधान बनने के चक्कर में जिले में कई धन पशु चुनाव मैदान में कुद गये है। ये लोग पैसे के बल पर अपने गांव का सरपंच बनना चाहते है। अरबपतियो के मैदान में आने से मध्यम वर्गीय और गरीब प्रत्याशियों की आस टूटने लगी है। क्यो कि पैसे वाला उम्मीद्वार मतदाताओ को लुभाने के लिए अपना खजाना खोल दिया है। पैसा दारू मुर्गा सब बाट रहा है। उधर आम प्रत्यशियो के सामने केवल वोटरो का हाथ पाव जोड़ने के अलावा कोई रास्ता नही बचा है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार अमिर प्रत्याशियो से मुकाबला करने के लिए कई प्रत्याशी अपनी जमीन को गिरवी रखने या बेचने का सिलसिला शुरू कर दिया है।
इसकी बानगी देखने को मिल रही है। करंजाकला ब्लाक में यहां के एक गांव में प्रदेश का एक बड़ा बिल्डर अपने भाभी को गांव का प्रधान बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोक दिया है। आज नामाकंन में भारी तामझाम के साथ कई लग्जरी गाडि़यों का प्रयोग करके अपने विरोधी प्रत्याशियो की नींद उड़ा दिया साथ में आचार संहिता की धज्जियां भी उड़ाया। गांव के सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार यह धनाड्य व्यक्ति अपने भाभी को किसी भी कीमत प्रधान बनाना चाहता है। उसने पहले विरोधी प्रत्याशियो को खरीदकर बैठाने की भरपूर कोशिश किया लेकिन जब कोई उम्मीद्वार चुनाव मैदान से नही हटा तो उसने वह पैसे मतदाताओ को रूझाने के लिए खर्च करना शुरू कर दिया है। आज नामाकंन में अपने पैसे की ताकत दिखार्या भी। यही आलम शाहगंज खुटहन सुईथाकला और बक्शा ब्लाक के कई गांव का है। यहां भी पैसे का खुला खेल खेला जा रहा है। उधर आम प्रत्याशी भी अपनी आन मान शान बचाने के लिए अपनी जमीन गिरवी रखना और बेचना शुरू कर दिया है। यदि चुनाव आयोग ने इस पर गम्भीरता से ध्यान नही दिया तो चुनाव बीतते बीतते कई उम्मीद्वार अपनी जमीन जायदात सब चुनावी माहौल उड़ देगें।
इसकी बानगी देखने को मिल रही है। करंजाकला ब्लाक में यहां के एक गांव में प्रदेश का एक बड़ा बिल्डर अपने भाभी को गांव का प्रधान बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोक दिया है। आज नामाकंन में भारी तामझाम के साथ कई लग्जरी गाडि़यों का प्रयोग करके अपने विरोधी प्रत्याशियो की नींद उड़ा दिया साथ में आचार संहिता की धज्जियां भी उड़ाया। गांव के सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार यह धनाड्य व्यक्ति अपने भाभी को किसी भी कीमत प्रधान बनाना चाहता है। उसने पहले विरोधी प्रत्याशियो को खरीदकर बैठाने की भरपूर कोशिश किया लेकिन जब कोई उम्मीद्वार चुनाव मैदान से नही हटा तो उसने वह पैसे मतदाताओ को रूझाने के लिए खर्च करना शुरू कर दिया है। आज नामाकंन में अपने पैसे की ताकत दिखार्या भी। यही आलम शाहगंज खुटहन सुईथाकला और बक्शा ब्लाक के कई गांव का है। यहां भी पैसे का खुला खेल खेला जा रहा है। उधर आम प्रत्याशी भी अपनी आन मान शान बचाने के लिए अपनी जमीन गिरवी रखना और बेचना शुरू कर दिया है। यदि चुनाव आयोग ने इस पर गम्भीरता से ध्यान नही दिया तो चुनाव बीतते बीतते कई उम्मीद्वार अपनी जमीन जायदात सब चुनावी माहौल उड़ देगें।