जौनपुर में हुई कुत्ते के तेरही शामिल हुए सैकड़ो लोग
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जौनपुर जिले के जफराबाद थाना क्षेत्र के नेवादा गांव में एक मालिक ने अपने पालतू कुत्ते की तेरही किया है। इस तेरवही में गांव व आस पास के लोग ने शामिल होकर ब्रहभोज किया। मालिक द्वारा कुत्ते का अंतिम संस्कार करना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा है। मालिक ने बताया कि इस कुत्ते को मैने 17 वर्ष पहले पाला था वह बचपन से ही मेरे बेटे की तरह हमारे परिवार के सदस्य जैसा ही था। हम लोग घर पर हो या बाहर लेकिन मेरा टाईगर पूरे घर की रखवाली करता था।
जौनपुर नगर से मात्र पांच किलोमीटर दूरी पर स्थित नेवादा गांव के मोती पटेल ने आज से 17 वर्ष पहले एक देशी कुत्ते को पाला और उसका नाम रखा टाईगर । यह टाईगर बचपन से इस परिवार का दुलारा बन गया था। मोती अपने परिवार की सदस्य देखभाल करते थे। टाईगर भी पूरी वफादारी के साथ रहता था। परिवार के लोग घर पर हो न हो लेकिन वह पूरी इमानदारी के साथ पूरे घर की रखवाली करता था। जिसके कारण चोर क्या एक परिन्दा भी पर नही मारता था। आज से तेरह दिन पूर्व उसकी मौत हो गयी। मौत के बाद मोती और उसका परिवार शोक में डूब गया। फिलहाल परिवार के सदस्य की तरह टाईगर का अंतिम संस्कार किया आज उसकी तेरही भी किया गया। तेरहवी में तेरह ब्राहमणो समेत भारी संख्या में लोग शामिल होकर भोजन किया। कुत्ते प्रति इतना लगाव देखकर लोग अचंभित नजर आये। लोगा का कहना है कि इस मंहगाई के दौर में जहां लोग परिवार का खर्ज नही चला पा रहे वही एक आम आदमी कुत्ते की तेरही पर हजारो रूपये खर्च किया।
जौनपुर नगर से मात्र पांच किलोमीटर दूरी पर स्थित नेवादा गांव के मोती पटेल ने आज से 17 वर्ष पहले एक देशी कुत्ते को पाला और उसका नाम रखा टाईगर । यह टाईगर बचपन से इस परिवार का दुलारा बन गया था। मोती अपने परिवार की सदस्य देखभाल करते थे। टाईगर भी पूरी वफादारी के साथ रहता था। परिवार के लोग घर पर हो न हो लेकिन वह पूरी इमानदारी के साथ पूरे घर की रखवाली करता था। जिसके कारण चोर क्या एक परिन्दा भी पर नही मारता था। आज से तेरह दिन पूर्व उसकी मौत हो गयी। मौत के बाद मोती और उसका परिवार शोक में डूब गया। फिलहाल परिवार के सदस्य की तरह टाईगर का अंतिम संस्कार किया आज उसकी तेरही भी किया गया। तेरहवी में तेरह ब्राहमणो समेत भारी संख्या में लोग शामिल होकर भोजन किया। कुत्ते प्रति इतना लगाव देखकर लोग अचंभित नजर आये। लोगा का कहना है कि इस मंहगाई के दौर में जहां लोग परिवार का खर्ज नही चला पा रहे वही एक आम आदमी कुत्ते की तेरही पर हजारो रूपये खर्च किया।