प्रेक्षा गृह में लगा किसान मेला , हुई रवि गोष्ठी
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जौनपुर। मुख्य विकास अधिकारी पी0सी0श्रीवास्तव
अध्यक्षता में आज पूर्वान्ह 11 बजे से कलेक्ट्रेट स्थित प्रेक्षागृह में
किसान मेला/रबी गोष्ठी का आयोजन किया गया।
उप कृषि निदेशक अशोक
उपाध्याय ने अतिथियों एवं आये हुए किसानों का स्वागत करते हुए बताया कि
जिले में कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 999713 हे0 में से 279074 हे0 क्षेत्रफल
में खेती की जाती है। जिसके अन्तर्गत 228830 हे0 क्षेत्रफल में रबी की
फसलों की बुआई का लक्ष्य है। गेहूं एवं जौ की प्रमोशनल प्रजातियों पर राज्य
सरकार द्वारा 400/- रू0 प्रति कुन्तल तथा मेन्टेनेन्स प्रजातियों पर 200/-
रू0 प्रति कु0 अनुदान देय है। इसी प्रकार दलहन की प्रमोशनल प्रजातियों पर
राज्य सरकर द्वारा 800 रू0 प्रति कु0 तथा मेन्टेनेन्स प्रजातियों पर 600
रू0 प्रति कु0 अनुदान देय है। अपनी मिट्टी पहचाने अभियान के अन्तर्गत मृदा
नमूना एकत्रित कराकर परीक्षण कराते हुए कृषकों को संतुलित मात्रा में
उर्वरक एवं खाद प्रयोग की जानकारी दी गयी। इस अवसर पर लपेटापाइप चार
किसानों को सी0डी0ओ0 द्वारा दिया गया। इस अवसर पर रामचन्द्र उपाध्याय,
स्वामी नाथ मिश्र आदि ने किसानों के बारे में प्रश्न पूछे जिसका मौके पर
सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा उत्तर भी दिया गया। किसान भाई गेहू अनुदान के
लिए 30 नवम्बर 2015 तक अपने विकास खण्ड अथवा जिला कृषि कार्यालय में आनलाइन
रजिस्टेªशन कराकर लाभ उठाये। जिला कृषि अधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि
किसान भाई नीमकोंट्रेड, यूरिया का इस्तेमाल अधिक से अधिक करें।
ट्राइकोड्रमा, बैरियावैसीयाना आदि जैविक कीट नाशको पर 75 प्रतिशत का अनुदान
उपलब्ध है। किसान भाई बैटरी चालित भी अनुदान पर 1761 रू0 में प्राप्त कर
सकते है। डा0 सुरेश कन्नौजिया ने गेहू की बुआई से पहले मिट्टी की जॉच अवश्य
कराने की सलाह दी। गेहू की बुआई मशीन द्वारा करके अधिक उत्पादन प्राप्त
करे। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा विरेन्द्र सिंह, डी0डी0ओ. तेजप्रताप
मिश्र, ए0आर0कोआपरेटिव बी0के0सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ0 सुरेन्द्र प्रताप
सोनकर, डॉ0 अनिल कुमार यादव, एल0डी0एम0 अमित सेन गुप्ता, नार्वड प्रबन्धक
अशीष तिवारी आदि ने अपने-अपने विभागीय योजनाओं के साथ ही खेती के लिए
बहुमूल्य सुझाव दिए। संचालन डॉ0 सुरेश चन्द्र यादव, कृषि तकनीकि ने किया।
उपायुक्त मनरेगा रामबाबू त्रिपाठी ने बताया कि जिलाधिकारी भानुचन्द्र
गोस्वामी के निर्देशानुसर जिले में समस्त 138 माइनरों में लगभग दो हजार
किलों मीटर में सील्ट सफाई का कार्य प्रस्तावित है जिसें 15 नवम्बर से
प्रारम्भ कर दिया गया है। जिसे 27 नवम्बर 2015 तक समस्त चिन्हित माइनरों की
सील्ड सफाई करा दी जायेंगी ताकि टेल तक पानी पहुचे जिससें किसानों को लाभ
मिल सके।