अस्सी घाट पहुंची सेना के जवानों की टीम, कहा- कानपुर में सबसे ज्यादा गंदी है गंगा

 वाराणसी। देवप्रयाग से वाराणसी के बीच कई जगहों पर गंगा में इतना पानी भी नहीं कि इंसान उसमें तैर सके। ये चौंकाने वाली बात कही है भारतीय सेना की उस टीम ने जो गंगा आवाहन अभियान के तहत जल मार्ग से यात्रा करते हुए देवप्रयाग से वाराणसी पहुंची। स्वच्छता मिशन को लेकर देवप्रयाग से गंगासागर तक की करीब 2,800 किमी. दूरी की यात्रा पर निकली ये टीम जब वाराणसी पहुंची तो उसका जबरदस्त स्वागत किया गया। टीम के लीडर वायुसेना के विंग कमांडर परमवीर सिंह ने बताया कि बीते 2 सालों में गंगा में प्रदूषण तो कुछ कम हुआ है,लेकिन कुछ जगहों पर गंगा में पानी इतना कम था कि वहां तैरने की बजाय चलकर और दौड़ कर गंगा को पार करना पड़ा।
देवप्रयाग से गंगासागर तक की यात्रा जल मार्ग से तय करने निकली इस टीम में जल, थल और वायु सेना के कुल 10 सदस्य हैं। करीब 2,800 किमी. की इस यात्रा को ये टीम तैर कर और राफ्टिंग करते हुए पूरी कर रही है। बीते 8 अक्टूबर को देवप्रयाग से अपनी यात्रा शुरू कर ये टीम करीब 900 किमी. का सफ़र तय करके वाराणसी पहुंची थी। करीब 40 दिनों में अपने इस अभियान को पूरा करने के लिए निकली ये टीम अपने साथ स्वच्छता और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मिशन को लेकर चल रही है। विंग कमांडर परमवीर सिंह ने बताया कि पीएम के स्वच्छता और 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' मिशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इस यात्रा को निकाला गया है।
अपने इस सफर में ये टीम दिन भर तैरती और राफ्टिंग करती है और रात में थोड़ा सा आराम। देवप्रयाग से वाराणसी तक के अपने इस सफर में इस टीम ने कानपूर में गंगा को सबसे ज्यादा प्रदूषित पाया है। विंग कमांडर परमवीर सिंह के मुताबिक, उनकी टीम गंगा का पानी पीते हुए ही आ रही है। जब उनकी वाराणसी में अस्सी घाट पर पहुंची तो उनका जोरदार स्वागत किया गया। तमाम मुश्किलों और खतरों का सामना करते हुए ये टीम करीब 20 दिन बाद पश्चिम बंगाल के गंगासागर पहुंचकर अपने इस अभियान को पूरा करेगी।

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