अंग्रेजी दवा की दुकानो पर से अंग्रेजी कानून नही हटाया गया तो लाखो लोग हो जायेेंगे बेरोजगार : दिवाकर सिंह
https://www.shirazehind.com/2015/10/blog-post_733.html
जौनपुर। फुटकर दवा की दुकानो पर फार्मासिस्ट रखने की अनिवार्यता को समाप्त कराने के लिए आगामी 14 अक्टुबर को पूरे भारत वर्ष की दवा की दुकाने बंद रहेगी। केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट वेलफेयर एसोसियेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर सिंह ने इस कानून से व्यापारियों और मरीजो को आने वाली कठिनाईयो की जानकरी पत्रकारो को तफसील से देते हुए कहा कि ड्रग एण्ड कास्मेटिक अधिनियम 1940 का कानून है इसे अंगे्रजी हुकुमत ने बनाया था। उस वख्त डाक्टर अलग-अलग दवाओ को मिलाकर एक मिश्रण के रूप में तैयार कराता था और फर्मासिस्ट उस मिश्रण को कागज की पुडिया और सिरप के रूप में मरीजा को देता था। दिवाकर सिंह ने कहा कि आज समय बदल गया है। सारी दवाएं बड़ी - बड़ी कम्पनियों में प्रशिक्षित लोगो के देख रेख में बनायी जा रही है। ऐसे में दुकानदारो को फर्मासिस्ट की क्या जरूरत है।
दिवाकर सिंह ने बताया कि यदि फर्मासिस्ट की अनिवार्यता समाप्त नही किया गया और इस अंग्रजी कानून का अंग्रेजी दवा विक्रेताओ पर लागू किया तो आने समय में देश के करीब 60 हजार दवाओ की दुकाने बंद हो जायेगी जिसके कारण वे दुकानदार बेरोजगार होगें साथ ही दुकानो पर कार्य करने वाले लाखो लोग और उनका परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच जायेगा।
श्री सिंह ने यह बताया कि जब मल्टीनेशनल कम्पनियां आन दवाओ की बिक्री करेगी तो उसमेें कुछ युवा नशीली दवाओ का प्रयोग नशे के रूप में प्रयोग करने लगेंगे जिसके कारण देश भविष्य नशे की गिरफ्त में आ जायेगा।
दिवाकर सिंह ने बताया कि यदि फर्मासिस्ट की अनिवार्यता समाप्त नही किया गया और इस अंग्रजी कानून का अंग्रेजी दवा विक्रेताओ पर लागू किया तो आने समय में देश के करीब 60 हजार दवाओ की दुकाने बंद हो जायेगी जिसके कारण वे दुकानदार बेरोजगार होगें साथ ही दुकानो पर कार्य करने वाले लाखो लोग और उनका परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच जायेगा।
श्री सिंह ने यह बताया कि जब मल्टीनेशनल कम्पनियां आन दवाओ की बिक्री करेगी तो उसमेें कुछ युवा नशीली दवाओ का प्रयोग नशे के रूप में प्रयोग करने लगेंगे जिसके कारण देश भविष्य नशे की गिरफ्त में आ जायेगा।