कदम रसूल छोटी लाइन इमामबाड़े से निकला कदीम जुलूस ,उमड़ा जन सैलाब
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जौनपुर। जमीने मुबारक कदम रसूल छोटी लाइन इमाम बारगाह भंडारी स्टेशन के समीप रविवार को हिन्दू, मुस्लिम एकता के प्रतीक शिया पंजतनी कमेटी के तत्वावधान में 18वां आल इण्डिया मजलिसे अजा व जुलूस सम्पन्न हुआ। इस अजीमुश्शान मजलिस में देश के मशहूर मौलाना शबाब नकवी औरंगाबाद महाराष्ट्र व आबिद हुसैन नौगावां सादात ने कहा कि ईमाम हुसैन अ.स. की कर्बला के मैदान में दी गयी कुर्बानी रहती दुनिया तक न सिर्फ याद की जाती रहेगी बल्कि इंसानियत के लिए दर्स देने का काम करती रहेगी। कहा कि दुनिया में कुर्बानिया तो बहुत दी गयी लेकिन ऐसी कुर्बानी किसी भी धर्म के इतिहास में नही मिलती। मौलाना एजाज हसनैन करारवी व मौलाना बाकर मेंहदी जलालपुरी ने कहा कि कर्बला के मैदान में बुजुर्ग से लेकर जवान और बच्चे तक के साथ इस हद तक बर्बता की गयी कि किसी भी सदी में जब यह दास्तां बयां की जायेगी तो जिस इंसान के सीने में दिल होगा उसकी आंखे जरुर छलक उठेंगी। मौलाना इंतेजार आब्दी ने कहा कि इमाम हुसैन अ.स. के चाहने वालों को चाहिए कि उनके संदेश से ऐसी जागरुकता पैदा करें कि इंसान के दिलों की आंखे रोशन हो जाय।
मजलिस का आगाज तिलावते कलाम-ए-पाक से मौलाना शेख हसन जाफर ने किया। पेशखानी मशहूर शायर आसिफ बिजनौरी, रेयाज मोहसिन बड़ागांवी, डा.शोहरत जौनपुरी, हसन फतेहपुरी, इरफान जौनपुरी, जमीर जौनपुरी, मिलहाल जौनपुरी अपने कलाम पेश कर कर्बला के शहीदों को नजराने अकीदत पेश किया। दूसरी मजलिस को मौलाना बाकर मेंहदी और तीसरी मजलिस को मौलाना एजाज हसनैन ने खेताब करते हुए बताया कि इस्लाम में आतंकवाद की कोई जगह नहीं है क्योंकि इस्लाम ने हमेशा अपना खून बहाकर इसे परवान चढ़ाया है। इतिहास गवाह है कि हजरत मोहम्मद साहब व उनके नवासों ने अपना लहू देना गवारा समझा और इसके लिए सर कटाने से भी पीछे नहीं हटें। कुछ लोग आतंकवाद के नाम पर इस्लाम को बदनाम कर रहे है। उनसे सतर्क रहने की जरुरत है। आखिरी मजलिस के बाद शबीहे ताबूत अलम मुबारक व जुलजनाह निकाला गया। जिसमें अंजुमन शमशीरे हैदरी नौहाख्वानी व मातम करती रही। हर तरफ बस या हुसैन की सदा के साथ कर्बोबला का तपता जंगल हाय हुसैन हाय हुसैन सुनाई दे रहा था। जुलूस अपने कदीम रास्ते से होता हुआ इमामबारगाह कदम रसूल में जाकर खतम हुआ। जुलूस में मौलाना सैयद नेसार मेंहदी, मौलाना अली हसनैन शान, मौलाना मनाजिर हसनैन खां, एजाज हुसैन, शमाीर हुसैन, कैफी रिजवी, मो. अब्बास, काजिम अब्बास, आरिफ हुसैनी, नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश टण्डन, नजमुल हसन नजमी, मिर्जा जावेद सुल्तान, फैसल हसन तबरेज, मो. आजम सहित हजारों की संख्या में मोमनीन मौजूद रहे। अन्त में कमेटी की ओर से शाहिद मेंहदी, नेहाल हैदर व हसनैन कमर दीपू ने लोगों के प्रति आभार प्रगट किया। कार्यक्रम का संचालन डा.इन्तेजार मेंहदी व मौलाना शेख हसन जाफर ने किया।
मजलिस का आगाज तिलावते कलाम-ए-पाक से मौलाना शेख हसन जाफर ने किया। पेशखानी मशहूर शायर आसिफ बिजनौरी, रेयाज मोहसिन बड़ागांवी, डा.शोहरत जौनपुरी, हसन फतेहपुरी, इरफान जौनपुरी, जमीर जौनपुरी, मिलहाल जौनपुरी अपने कलाम पेश कर कर्बला के शहीदों को नजराने अकीदत पेश किया। दूसरी मजलिस को मौलाना बाकर मेंहदी और तीसरी मजलिस को मौलाना एजाज हसनैन ने खेताब करते हुए बताया कि इस्लाम में आतंकवाद की कोई जगह नहीं है क्योंकि इस्लाम ने हमेशा अपना खून बहाकर इसे परवान चढ़ाया है। इतिहास गवाह है कि हजरत मोहम्मद साहब व उनके नवासों ने अपना लहू देना गवारा समझा और इसके लिए सर कटाने से भी पीछे नहीं हटें। कुछ लोग आतंकवाद के नाम पर इस्लाम को बदनाम कर रहे है। उनसे सतर्क रहने की जरुरत है। आखिरी मजलिस के बाद शबीहे ताबूत अलम मुबारक व जुलजनाह निकाला गया। जिसमें अंजुमन शमशीरे हैदरी नौहाख्वानी व मातम करती रही। हर तरफ बस या हुसैन की सदा के साथ कर्बोबला का तपता जंगल हाय हुसैन हाय हुसैन सुनाई दे रहा था। जुलूस अपने कदीम रास्ते से होता हुआ इमामबारगाह कदम रसूल में जाकर खतम हुआ। जुलूस में मौलाना सैयद नेसार मेंहदी, मौलाना अली हसनैन शान, मौलाना मनाजिर हसनैन खां, एजाज हुसैन, शमाीर हुसैन, कैफी रिजवी, मो. अब्बास, काजिम अब्बास, आरिफ हुसैनी, नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश टण्डन, नजमुल हसन नजमी, मिर्जा जावेद सुल्तान, फैसल हसन तबरेज, मो. आजम सहित हजारों की संख्या में मोमनीन मौजूद रहे। अन्त में कमेटी की ओर से शाहिद मेंहदी, नेहाल हैदर व हसनैन कमर दीपू ने लोगों के प्रति आभार प्रगट किया। कार्यक्रम का संचालन डा.इन्तेजार मेंहदी व मौलाना शेख हसन जाफर ने किया।