मोहर्रम को लेकर सजने लगे इमामबारगाह
https://www.shirazehind.com/2015/10/blog-post_482.html
जौनपुर। इस्लामी नये साल का आगाज मोहर्रम से होने वाला है। चार दिन बाद दो माह आठ दिन तक चलने वाले इस गमी के पर्व के मद्देनजर तैयारियां भी शुरू हो गयी है। शहीदाने कर्बला की याद में मनाये जाने वाले पर्व मोहर्रम पर जिले के इमामबाड़ों और अजाखानों में मजलिस और मातम होता है। चौक पर ताजिये रखे जाते है। इसकी वजह से अजाखानों और इमामबारगाहों की सफाई और उन्हे सजाने संवारने का काम शुरू हो गया है। कारीगरों ने तातियों को बनाना का काम शुरू कर दिया है। छोटे से लेकर बड़े ताजिये बनाये जा रहे है। बांस की खपच्चियों और रंगीन कांगजों से इन्हे तैयार किया जाता है। तमाम लोग मन्नतें पूरी करने के लिए भी आर्डर देकर ताजिये बनवाते है। 100 रूपये से कई हजार तक के ताजिये बनाये जाते है। इस्लामी नये साल की शुरूआत 29 का चांद होने पर 14 अक्टूबर से तथा 30 का चांद होने पर 15 अक्टूबर से होगा। इस इस्लामी महीने की 10 तारीख को मोहर्रम का पर्व मनाया जायेगा। मोहर्रम को लेकर तैयारियां शुरू हो गयी है। इमामबारगाहांे पर मोहर्रम के दौरान खास रौनक रहती है। यहां मजलिस के साथ ताजिये बैठाये जायेगें। मोहर्रम शुरू होने के पहले ही मजलिसों और मातम का सिलसिला शुरू हो जायेगा। मोहर्रम का चांद होने से पहले इस्तकबालियां मजलिसे भी होती है। ज्ञात हो कि मोहर्रम की दसवी को इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों को बर्बरता के साथ शहीद कर दिया गया था।