गोमती नदी को प्रदूषण से मुक्त कराने की कवायद शुरू , B.H.U के I.T विभाग की टीम ने किया ड्रोन कैमरे से सर्वेक्षण
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जौनपुर। आदि गंगा गोमती नदी को प्रदूषण से मुक्त कराने की कवायद गुरूवार से संकट मोचन फाउण्डेशन वाराणसी के तत्वाधान में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की आई टी टीम ने शुरू कर दिया है। पहले चरण में यह टीम ड्रोन कैमरे के माध्यम से हवाई सर्वेक्षण करके गोमती नदी में बहाये जा रहे छोटे बड़े नालो का पता किया साथ ही तीन अलग अलग स्थानो से पानी का नमूना लेकर जांच के लिए स्वच्छ गंगा रिसर्च लोबोरेट्री वाराणसी भेज दिया। जब बीएचयू की टीम के ड्रोन कैमरे हवा में उड़े तो देखने वालो की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
जौनपुर नगर के गोमती नदी के किनारे हवा में उड़ रहा यह छोटा हेलीकाप्टर नुमा यंत्र किसी बच्चे का खिलौना नही है यह बीएचयू के आई टी विभाग का ड्रोन कैमरा है। इसके माध्यम से पता किया जा रहा कि गोमती नदी में किन किन स्थानो से नाले का गंदा पानी बहाकर उसकी अस्मिता को समाप्त किया जा रहा है। टीम ने आज सर्वेक्ष करके अपनी रिपोर्ट विभाग को सौप देगी उसके बाद केन्द्र और प्रदेश सरकार के सहयोग से आदि गंगा गोंमती को निर्मल करने का काम शुरू होगा। इस टीम ने जहा हवाई सर्वे किया वही तीन अलग अलग स्थानो से पानी का नमूना भी लिया।
पीलीभीत जिले के गोमद ताल से निकलकर गाजीपुर जिले में गंगा मईया की गोद में पूरी तरह से समाहित होने वाली यह गोमती नदी जौनपुर नगर वासियों के लिए लाइफ लाइन हुआ करती थी। लेकिन नगर पालिका परिषद के उदासिनता के कारण अमृत समान पानी जहर में बदल गया है। शहर के सारे गंदे नाले का पानी इसी नदी बहाया जा रहा है और शहर कचरा नदियो के किनारे डालकर प्रदूषण फैलाया जा रहा है। पहले इसी पानी से लोग खाना बनाते थे और इसी से अपनी प्यास बुझाते थे लेकिन आज इसका पानी पीना तो दूर की बात नहाने लायक भी नही बचा है।
स्थानीय स्वसेवी संस्थाओ और नागरिको की पहल पर आज बीएचयू वाराणसी की टीम जौनपुर पहुंचकर ड्रोन कैमरे के माध्यम से एरियल सर्वे करके नदी में बहाये जा रहे नालो को चिन्हित करके रिर्पोट अपने विभाग को सौप देगी।
जौनपुर नगर के गोमती नदी के किनारे हवा में उड़ रहा यह छोटा हेलीकाप्टर नुमा यंत्र किसी बच्चे का खिलौना नही है यह बीएचयू के आई टी विभाग का ड्रोन कैमरा है। इसके माध्यम से पता किया जा रहा कि गोमती नदी में किन किन स्थानो से नाले का गंदा पानी बहाकर उसकी अस्मिता को समाप्त किया जा रहा है। टीम ने आज सर्वेक्ष करके अपनी रिपोर्ट विभाग को सौप देगी उसके बाद केन्द्र और प्रदेश सरकार के सहयोग से आदि गंगा गोंमती को निर्मल करने का काम शुरू होगा। इस टीम ने जहा हवाई सर्वे किया वही तीन अलग अलग स्थानो से पानी का नमूना भी लिया।
पीलीभीत जिले के गोमद ताल से निकलकर गाजीपुर जिले में गंगा मईया की गोद में पूरी तरह से समाहित होने वाली यह गोमती नदी जौनपुर नगर वासियों के लिए लाइफ लाइन हुआ करती थी। लेकिन नगर पालिका परिषद के उदासिनता के कारण अमृत समान पानी जहर में बदल गया है। शहर के सारे गंदे नाले का पानी इसी नदी बहाया जा रहा है और शहर कचरा नदियो के किनारे डालकर प्रदूषण फैलाया जा रहा है। पहले इसी पानी से लोग खाना बनाते थे और इसी से अपनी प्यास बुझाते थे लेकिन आज इसका पानी पीना तो दूर की बात नहाने लायक भी नही बचा है।
स्थानीय स्वसेवी संस्थाओ और नागरिको की पहल पर आज बीएचयू वाराणसी की टीम जौनपुर पहुंचकर ड्रोन कैमरे के माध्यम से एरियल सर्वे करके नदी में बहाये जा रहे नालो को चिन्हित करके रिर्पोट अपने विभाग को सौप देगी।