22 वर्षों के राजनितिक सफर में दूसरी बार मंत्री बने ललई यादव
https://www.shirazehind.com/2015/10/22.html
जौनपुर । पूर्व मंत्री शैलेन्द्र यादव "ललई" 22 वर्ष के राजनैतिक सफर
में दूसरी बार राज्य मंत्री बने ।1993 में जनता दल से राजनीतिक पारी शुरू
करने वाले ललाई यादव लगातार तीसरी बार विधान सभा में पहुचे हैं। 2003 में
बसपा से बगावत कर सपा की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाई थी ।
अपने तेवर के लिए अलग पहचान रखने वाले ललई यादव 1993 में खुटहन विधान सभा
से पहली बार जनता दल से चुनाव लड़ें । इस चुनाव में उन्हें सफलता नही
मिली। कुछ वर्षों बाद उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया ।
वर्ष 2002 के चुनाव में बसपा ने खुटहन विधान सभा से ललई यादव को मैदान में उतारा । इस बार उन्होंने खुटहन के तत्कालीन विधायक व् बाहुबली उमाकांत यादव व् बाबा दुबे को पटखनी देकर पहली बार विधान सभा में पहुचे और प्रदेश में बसपा की सरकार बनी । 25 अगस्त 2003 को बसपा से बगावत कर 8 विधायकों के साथ सपा की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी । मुलायम सिंह यादव ने पुरस्कार स्वरुप उन्हें राज्य मंत्री का पद दिया । 2007 में वे खुटहन विधान सभा से ही सपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे । इस बार भी उनका मुकाबला बाहुबली व् मछलीशहर के BSP सांसद के पुत्र दिनेश कान्त यादव से हुयी । इस बार भी ललई यादव ने सांसद पुत्र को पटखनी देते हुए दूसरी बार विधान सभा में पहुचे । 2012 में विधान सभा के नए परिसीमन के तहत उन्होंने शाहगंज विधान सभा से समाजवादी पार्टी के बैनर तले मैदान में ताल ठोंका । इस बार उनका मुकाबला BSP प्रत्याशी धर्मराज निषाद (तत्कालीन मंत्री) से था ।इस बार लगातार 3 चुनाव जीतकर ललाई यादव ने जीत की हैट्रिक लगाई । अखिलेश यादव मन्त्रीमण्डल में उनके मंत्री बनने की काफी चर्चा थी ।लेकिन 2012 के शपथ ग्रहण में ललई यादव का नाम न आने से जिले के लोगों को काफी निराशा हाथ लगी । काफी दिनों से उन्हें मंत्री बनाये जाने की मांग हो रही थी । वह आखिरकार पूरी हो गयी ।आज उन्होंने राज्यमन्त्री की शपथ ली ।
वर्ष 2002 के चुनाव में बसपा ने खुटहन विधान सभा से ललई यादव को मैदान में उतारा । इस बार उन्होंने खुटहन के तत्कालीन विधायक व् बाहुबली उमाकांत यादव व् बाबा दुबे को पटखनी देकर पहली बार विधान सभा में पहुचे और प्रदेश में बसपा की सरकार बनी । 25 अगस्त 2003 को बसपा से बगावत कर 8 विधायकों के साथ सपा की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी । मुलायम सिंह यादव ने पुरस्कार स्वरुप उन्हें राज्य मंत्री का पद दिया । 2007 में वे खुटहन विधान सभा से ही सपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे । इस बार भी उनका मुकाबला बाहुबली व् मछलीशहर के BSP सांसद के पुत्र दिनेश कान्त यादव से हुयी । इस बार भी ललई यादव ने सांसद पुत्र को पटखनी देते हुए दूसरी बार विधान सभा में पहुचे । 2012 में विधान सभा के नए परिसीमन के तहत उन्होंने शाहगंज विधान सभा से समाजवादी पार्टी के बैनर तले मैदान में ताल ठोंका । इस बार उनका मुकाबला BSP प्रत्याशी धर्मराज निषाद (तत्कालीन मंत्री) से था ।इस बार लगातार 3 चुनाव जीतकर ललाई यादव ने जीत की हैट्रिक लगाई । अखिलेश यादव मन्त्रीमण्डल में उनके मंत्री बनने की काफी चर्चा थी ।लेकिन 2012 के शपथ ग्रहण में ललई यादव का नाम न आने से जिले के लोगों को काफी निराशा हाथ लगी । काफी दिनों से उन्हें मंत्री बनाये जाने की मांग हो रही थी । वह आखिरकार पूरी हो गयी ।आज उन्होंने राज्यमन्त्री की शपथ ली ।