सवा दो माह तक चलने वाले मोहर्रम का आगाज 15 से
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जौनपुर। इस्लामी कैलेण्डर का पहला महीना मोहर्रम है जो इस वर्ष 15 व 16 अक्टूबर से चन्द्र दर्शन के अनुसार प्रारम्भ होगा। यौमे आशूरा 24 अक्टूबर को होगा। इस आशय की जानकारी देते हुये मरकजी मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष सै. शहेन्शाह हुसैन रिजवी ने बताया कि मोहर्रम का सिलसिला 2 माह 8 दिन तक चलता है। चांद देखते ही इमामबाड़ों में ताजिये व अलम सजा दिये जाते हैं तथा मोहर्रम के आगाज पर घर व इमामड़ों में मजलिस शुरू हो जाता है। उन्होंने बताया कि पहली मोहर्रम मुफ्ती मोहल्ला में होता है जहां आग के अंगारे पर मातम होता है। दूसरी मोहर्रम पर हमाम दरवाजा से अलम निकलता है तथा चार मोहर्रम पर मखदूम शाह अढ़न से ताबूत निकलता है। पांच मोहर्रम पर चहारसू के इमामबाड़े से अलम व छतरी घाट से जुलजनाह निकलता है। छठीं मोहर्रम पर कटघरा से जुलूस उठेगा। सात मोहर्रम पर शहर के अधिकतर इमामबाड़े से जुलजनाह व अलम मेंहदी निकलता है। श्री रिजवी ने बताया कि आठवीं मोहर्रम पर झूला निकाला जाता है जो अटाला मस्जिद के पास इमामबाड़ा पर पहुंचकर ताबूत मिलाता है। नौ मोहर्रम पर रात भर ताजियादारी होती है। दस मोहर्रम पर मजलिस ताजिया दफन होने के पश्चात् सदर इमामबाड़ा में होती है। ग्यारह मोहर्रम पर हशमत अली के इमामबाड़े से जुलूस उठता है। बारह मोहर्रम को फूल की मजलिस होती है। श्री रिजवी ने बताया कि इसके बाद ऐतिहासिक अलम नौचंदी व जुलूस-ए-आमारी इमामबाड़ा स्व. मीर बहादुर अली दालान पुरानी बाजार से निकलेगा। कुल मिलाकर मोहर्रम का समापन आगामी 19 नवम्बर को होगा।