डा. आर. ए. जोसेफ को प्रथम श्रेणी के राजभाषा गौरव पुरस्कार
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जौनपुर। वरिष्ठ समाजसेवी एवं डा. आर. ए. जोसेफ को राष्ट्रपति द्वारा प्रथम श्रेणी का राजभाषा गौरव पुरस्कार के लिए चुने जाने की खबर मिलते ही पुनर्वास के क्षेत्र में कार्यरत लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। डा. जोसेफ को भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा उनकी पुस्तक ’’निःशक्तता पर संवैधानिक पहल’’ को राजभाषा गौरव पुरस्कार का प्रथम श्रेणी हेतु चुना गया है। यह पुरस्कार दिनांक 14.09.2015 को दिल्ली के विज्ञान भवन में भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के द्वारा प्रदान किया जायेगा। राजनाथ सिंह, गृहमंत्री कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
ज्ञात हो की डा. जोसेफ को वर्ष 2003 में विकलांगता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। वर्ष 2005 में डा. जोसेफ को उनकी पुस्तक ’पुनर्वास के आयाम’ को इंदिरा गाॅधी राजभाषा पुरस्कार के लिए चुना गया था जिसे तत्तकालीन गृहमंत्री श्री शिवराज पाटिल ने प्रदान किया था। वर्ष 2009 में उनकी पुस्तक ’विशेष शिक्षा एवं पुनर्वास’ के लिए तत्तकालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने राजीव गांधी ज्ञान विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया था। रचना विशेष विद्यालय, विकलांग समाकलन संस्थान के संस्थापक श्री जोसेफ को यह पुरस्कार मिलने की खबर पर बलोचटोला, रासमण्डल स्थित संस्था में एक मीटिंग का आयोजन हुआ जिसमें विशेषज्ञों एवं शिक्षकों ने विकलांगता के क्षेत्र में डा. जोसेफ द्वारा किये गये कार्यों पर प्रकाश डाला। कहा कि वे विकलांग व्यक्तियों के शिक्षण-प्रशिक्षण एवं पुनर्वास के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं और विकलांगों के अधिकारों पर बने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कानून को समेटकर उन्होंने निःशक्तता पर संवैधानिक पहल नामक पुस्तक की रचना की है। निश्चित ही इससे पुनर्वास के क्षेत्र को दिशा एवं विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण में योगदान मिलेगा। इस अवसर पर नसीमुद्दीन अख्तर सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।
ज्ञात हो की डा. जोसेफ को वर्ष 2003 में विकलांगता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। वर्ष 2005 में डा. जोसेफ को उनकी पुस्तक ’पुनर्वास के आयाम’ को इंदिरा गाॅधी राजभाषा पुरस्कार के लिए चुना गया था जिसे तत्तकालीन गृहमंत्री श्री शिवराज पाटिल ने प्रदान किया था। वर्ष 2009 में उनकी पुस्तक ’विशेष शिक्षा एवं पुनर्वास’ के लिए तत्तकालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने राजीव गांधी ज्ञान विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया था। रचना विशेष विद्यालय, विकलांग समाकलन संस्थान के संस्थापक श्री जोसेफ को यह पुरस्कार मिलने की खबर पर बलोचटोला, रासमण्डल स्थित संस्था में एक मीटिंग का आयोजन हुआ जिसमें विशेषज्ञों एवं शिक्षकों ने विकलांगता के क्षेत्र में डा. जोसेफ द्वारा किये गये कार्यों पर प्रकाश डाला। कहा कि वे विकलांग व्यक्तियों के शिक्षण-प्रशिक्षण एवं पुनर्वास के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं और विकलांगों के अधिकारों पर बने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कानून को समेटकर उन्होंने निःशक्तता पर संवैधानिक पहल नामक पुस्तक की रचना की है। निश्चित ही इससे पुनर्वास के क्षेत्र को दिशा एवं विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण में योगदान मिलेगा। इस अवसर पर नसीमुद्दीन अख्तर सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।