शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाता है योगः मंगरू राम
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बीआरसी रामनगर में योग विस्तारक अचल हरिमूर्ति ने बताया योग का गुर
जौनपुर। स्वास्थ्य की दृष्टि के साथ योग एक ऐसी साधना पद्धति है जिसको अपनाकर व्यक्ति अपने रोगों से छुटकारा पाने के साथ निरन्तर अपने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बना सकता है। उक्त बातें पतंजलि योग समिति व भारत स्वाभिमान के तत्वावधान में रामनगर बीआरसी पर प्रशिक्षु शिक्षकों को दिये जा रहे योग प्रशिक्षण शिविर में खण्ड शिक्षा अधिकारी श्री मंगरू राम ने कही। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु अध्यापकों को इस ढंग से योगाभ्यासों के माध्यम से प्रशिक्षण देने का मूल उद्देश्य है कि वे स्वयं को स्वस्थ रखते हुये छात्रों की शारीरिक एवं मानसिक क्षमता को उच्चतम शिखर तक पहुंचायें। योग का क्रियात्मक अभ्यास योग विस्तारक अचल हरीमूर्ति द्वारा कराया गया जिसमें प्रशिक्षुओं को उन विधियों को बताया गया जिसको अपनाकर छात्रों का शैक्षणिक विकास के साथ शारीरिक व मानसिक विकास हो सके। क्रियात्मक अभ्यासों के क्रम में सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, वृक्षासन, मकरासन, भुजंगासनों सहित भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, वाह्य प्राणायाम, अग्निसार, नौलिक्रिया, भ्रामरी, उदगीथ प्राणायामों का अभ्यास कराते हुये उनसे होने वाले लाभों को भी बताया गया। मानव शरीर में स्थित विशेष ऊर्जा के केंद्रों को सक्रिय करने के लिये ध्यान की विशेष प्रक्रिया का भी अभ्यास कराते हुये छात्रों के मनोभावों पर पड़ने वाले प्रभावों को भी बताया गया। इस अवसर पर एबीआरसी अशोक कुमार, जेपी यादव, धनन्जय सिंह, श्रीप्रकाश शुक्ल, विनोद सिंह, राजेन्द्र प्रसाद पटेल सहित अन्य मौजूद रहे।
जौनपुर। स्वास्थ्य की दृष्टि के साथ योग एक ऐसी साधना पद्धति है जिसको अपनाकर व्यक्ति अपने रोगों से छुटकारा पाने के साथ निरन्तर अपने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बना सकता है। उक्त बातें पतंजलि योग समिति व भारत स्वाभिमान के तत्वावधान में रामनगर बीआरसी पर प्रशिक्षु शिक्षकों को दिये जा रहे योग प्रशिक्षण शिविर में खण्ड शिक्षा अधिकारी श्री मंगरू राम ने कही। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु अध्यापकों को इस ढंग से योगाभ्यासों के माध्यम से प्रशिक्षण देने का मूल उद्देश्य है कि वे स्वयं को स्वस्थ रखते हुये छात्रों की शारीरिक एवं मानसिक क्षमता को उच्चतम शिखर तक पहुंचायें। योग का क्रियात्मक अभ्यास योग विस्तारक अचल हरीमूर्ति द्वारा कराया गया जिसमें प्रशिक्षुओं को उन विधियों को बताया गया जिसको अपनाकर छात्रों का शैक्षणिक विकास के साथ शारीरिक व मानसिक विकास हो सके। क्रियात्मक अभ्यासों के क्रम में सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, वृक्षासन, मकरासन, भुजंगासनों सहित भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, वाह्य प्राणायाम, अग्निसार, नौलिक्रिया, भ्रामरी, उदगीथ प्राणायामों का अभ्यास कराते हुये उनसे होने वाले लाभों को भी बताया गया। मानव शरीर में स्थित विशेष ऊर्जा के केंद्रों को सक्रिय करने के लिये ध्यान की विशेष प्रक्रिया का भी अभ्यास कराते हुये छात्रों के मनोभावों पर पड़ने वाले प्रभावों को भी बताया गया। इस अवसर पर एबीआरसी अशोक कुमार, जेपी यादव, धनन्जय सिंह, श्रीप्रकाश शुक्ल, विनोद सिंह, राजेन्द्र प्रसाद पटेल सहित अन्य मौजूद रहे।