उपस्थिति अनिवार्य हुई तो टीडी कालेज की कक्षाएं फुल
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जौनपुर। तिलकधारी महाविद्यालय में प्राचार्य डा.राकेश सिंह की तरफ से 75
फीसद उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। इससे अधिकतर कक्षाएं फुल हो गई है।
नए परिवर्तन से छात्रों को बैठने की कोई जगह नहीं मिल रही है। कालेज
प्रशासन की तरफ से शैक्षणिक वातावरण तैयार करने का पूरा प्रयास चल रहा है।
तिलकधारी महाविद्यालय के प्राचार्य डा.राकेश सिंह व अनुशास्ता डा.कपिलदेव ने अपने अनुशास्ता मंडल के साथ बुधवार को कक्षाओं में छात्र-छात्राओं के साथ चे¨कग अभियान चलाया। जिससे बाहरी छात्रों को चिन्हित किया गया। इस दौरान यह दिखाई दिया कि 75 फीसद उपस्थिति अनिवार्य करने से महाविद्यालय की कक्षाओं के साथ पूरा परिसर खचाखच भरा रहा। विज्ञान संकाय के निरीक्षण में पाया गया कि एक कक्षा में 250 विद्यार्थी है। वही यूजीसी के मानक अनुरूप एक कक्षा 80 छात्रों पर एक शिक्षक का अनुपात रखा गया है। यहां उससे अधिक छात्र कक्षा में पढ़ रहे है। कुछ विद्यार्थी सीट के अभाव में बाहर खड़े पाए गए। प्राचार्य ने एक बेंच पर पांच की जगह छह छात्रों को बैठने के लिए अनुरोध किया। कहा कि अपने साथ उतनी ही कापी लाएं जितने की आवश्यकता है। जिससे एक बेंच पर पांच की जगह छह विद्यार्थी बैठ सकें। उपस्थिति अनिवार्य होने से कालेज में कक्षाएं पूरी तरह से भर गई है। इसे डर कहें या छात्रों का रूझान। चाहे जैसे भी हो कालेज में शैक्षिक वातावरण बन रहा है। ऐसे में सीट वृद्धि होने पर बढ़े छात्र कहां पर बैठेंगे।
तिलकधारी महाविद्यालय के प्राचार्य डा.राकेश सिंह व अनुशास्ता डा.कपिलदेव ने अपने अनुशास्ता मंडल के साथ बुधवार को कक्षाओं में छात्र-छात्राओं के साथ चे¨कग अभियान चलाया। जिससे बाहरी छात्रों को चिन्हित किया गया। इस दौरान यह दिखाई दिया कि 75 फीसद उपस्थिति अनिवार्य करने से महाविद्यालय की कक्षाओं के साथ पूरा परिसर खचाखच भरा रहा। विज्ञान संकाय के निरीक्षण में पाया गया कि एक कक्षा में 250 विद्यार्थी है। वही यूजीसी के मानक अनुरूप एक कक्षा 80 छात्रों पर एक शिक्षक का अनुपात रखा गया है। यहां उससे अधिक छात्र कक्षा में पढ़ रहे है। कुछ विद्यार्थी सीट के अभाव में बाहर खड़े पाए गए। प्राचार्य ने एक बेंच पर पांच की जगह छह छात्रों को बैठने के लिए अनुरोध किया। कहा कि अपने साथ उतनी ही कापी लाएं जितने की आवश्यकता है। जिससे एक बेंच पर पांच की जगह छह विद्यार्थी बैठ सकें। उपस्थिति अनिवार्य होने से कालेज में कक्षाएं पूरी तरह से भर गई है। इसे डर कहें या छात्रों का रूझान। चाहे जैसे भी हो कालेज में शैक्षिक वातावरण बन रहा है। ऐसे में सीट वृद्धि होने पर बढ़े छात्र कहां पर बैठेंगे।